जर्मनी के अर्थव्यवस्था मंत्री की इस्तीफ़े की पेशकश
८ फ़रवरी २००९जर्मनी के आर्थिक मामलों के मंत्री मिशाएल ग्लॉस ने अपने पद से इस्तीफ़ा देने की पेशकश के फ़ैसले पर हैरानी जतायी जा रही है क्योंकि इसी साल सितंबर में देश में आम चुनाव होने वाले हैं.
एक तरफ़ जर्मनी के म्युनिख शहर में भूमंडलीय सुरक्षा पर एक अहम सम्मेलन हो रहा है और दूसरी तरफ़ आर्थिक मंदी से जर्मनी सहित सारी दुनिया त्रस्त है ऐसे में जर्मन राजनीति में हलचल पैदा करते हुए देश के आर्थिक मामलों के मंत्री मिशाएल ग्लॉस का इस्तीफ़े की पेशकश की ख़बर आ गयी.
ग्लॉस ने अपना इस्तीफ़ा अपनी पार्टी क्रिश्चिन सोशल युनियन यानी सीएसयू के प्रमुख होर्स्ट सीहोफेर को भेजा है. 64 साल के ग्लॉस ने बढ़ती उम्र को अपने इस्तीफ़े की वजह बताया है. उन्होंने ये भी कहा है कि सीएसयू को आने वाले आम चुनावों से पहले खुद को नया बनाना चाहिए. ग्लॉस ने बीते राज्य चुनावों में पार्टी के ख़राब प्रदर्शन के हवाले से ये बात कही.
समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक इतवारी अख़बार बिल्ड आम ज़ोनटाग में गलॉ़स के इस्तीफ़े की ख़बर प्रकाशित हुई थी. बाद में मंत्री से जुड़े सूत्रों ने अख़बार को इस बात की पुष्टि की भी कि ग्लॉसने अपने इस्तीफ़े की पेशकश की सूचना चांसलर आंगेला मैरकेल को दे दी है. लेकिन म्युनिख में सीएसयू पार्टी के प्रमुख और बावारिया प्रांत के प्रधानमंत्री सीहोफेर ने कहा कि ग्लॉस को इस्तीफ़ा देने की इजाज़त नहीं दी जाएगी. डीपीए ने सीहोफेर के एक प्रवक्ता के हवाले से बताया कि उन्होंने ये पेशकश ठुकरा दी है औऱ कहा है कि गलॉस को इस बारे में फोन पर बता भी दिया गया है. सीहोफेर के मुताबिक वो निजी रूप से गलॉस से बात करेंगे.
जर्मन सरकार में सीएसयू, चांसलर आंगेला मैरकेल की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी सीडीयू की बावारिया में सहयोगी है. सहयोगी पार्टी ही सरकार में अपना प्रतिनिधि तय करती है और परंपरा के मुताबिक अगर गलॉस जाते हैं तो सीएसयू ही उनकी जगह किसी और नेता का नाम सरकार के सामने प्रस्तावित करेगी. आर्थिक मामलों में रुढ़िवादी माने जाने वाले ग्लॉस मैरकेल की कैबिनेट में कड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं और सोशल डेमोक्रेट पार्टी के नेता और पर्यावरण मंत्री ज़िगमार ग्राबिएल से उनकी नहीं बनती है. कहा तो ये भी जा रहा है कि जब से जर्मनी में आर्थिक संकट शुरु हुआ है कई मामलों पर गलॉस की मैरकेल से नहीं बन रही थी और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और वित्त मंत्री श्टाइनब्रुएक के खाते में ज़्यादा सुर्खियां आने लगी थीं.