जर्मनी में 19 अप्रैल तक जारी रहेगा "लॉकडाउन"
१ अप्रैल २०२०जर्मनी में लॉकडाउन है भी और नहीं भी. भारत और अन्य देशों में कोरोना के चलते सामाजिक दूरी के लिए जिस तरह के नियम बनाए गए हैं, वे यहां भी लागू हैं. बाजार अधिकतर बंद हैं, मुख्य रूप से सिर्फ सुपरमार्केट और दवा की दुकानें ही खुली हैं और लोगों से केवल जरूरी काम से ही बाहर जाने के लिए कहा गया है. यानी स्थिति यहां लॉकडाउन वाली ही है लेकिन इसे लॉकडाउन का नाम नहीं दिया गया है, बल्कि इसे (लोगों से) संपर्क पर प्रतिबंध का नाम दिया गया है. 23 मार्च से शुरू हुए इस प्रतिबंध को 5 अप्रैल तक के लिए लागू किया गया था. अब इसे 19 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. जर्मनी के अधिकतर राज्यों में स्कूलों को पहले ही 19 अप्रैल तक बंद कर दिया गया था.
बुधवार को जर्मनी के सभी 16 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल में मैर्केल ने नई तारीख की घोषणा की. 10 अप्रैल को गुड फ्राइडे और उसके बाद 12 अप्रैल को ईस्टर है. इस दौरान यूरोप के अधिकतर देशों में ईस्टर की छुट्टियां होती हैं और लोग परिवार के साथ घूमने निकलते हैं. मैर्केल ने लोगों से अपील की कि इस साल वे अपने घर पर ही रहें. उन्होंने कहा, "महामारी छुट्टी नहीं लेती है."
इटली और स्पेन की तुलना में जर्मनी में हालात अभी कुछ बेहतर हैं. कोविड-19 के कारण इटली में अब तक 13 हजार और स्पेन में 9 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. वहीं जर्मनी में मरने वालों की संख्या अभी 850 तक ही पहुंची है. हालांकि जर्मनी में भी इस संक्रमण के 76 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इसकी तुलना में इटली और स्पेन में मामले एक लाख के पार जा चुके हैं. मैर्केल ने कहा कि अभी प्रतिबंधों को हटाना या कम करना जल्दबाजी होगी, "जितनी जल्दी ऐसा करेंगे हालात उतने ही और बिगड़ सकते हैं और फिलहाल हम अपने लक्ष्य हासिल करने से बहुत दूर हैं."
ना केवल इस साल लोग त्योहार के दौरान अपने रिश्तेदारों से दूर रहेंगे, बल्कि वे चर्च भी नहीं जा सकेंगे. मैर्केल ने कहा कि वे जानती हैं कि ईस्टर की छुट्टियां परिवार के साथ समय बिताने और छुट्टी पर जाने का वक्त होता है लेकिन "इस साल इसे अलग होना होगा." उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को स्थिति का आकलन कर तय किया जाएगा कि प्रतिबंध हटाने हैं या फिर इन्हें और आगे बढ़ाना है.
पड़ोसी देश ऑस्ट्रिया ने हाल ही में देश भर में मास्क लगाने का नियम बनाया है. माना जा रहा था कि इसके बाद जर्मनी भी ऐसा कदम उठा सकता है. लेकिन मैर्केल ने साफ किया कि लोगों के लिए मास्क लगाने को अनिवार्य बनाने जैसे किसी नियम पर बात नहीं चल रही है और मास्क के इस्तेमाल को डॉक्टरों और नर्सों तक ही सीमित रखा जाएगा. हालांकि अगर कोई मास्क लगाना चाहता है तो उसे इसकी छूट होगी.
ईशा भाटिया (डीपीए)
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