जानवर भी औजारों का इस्तेमाल करते हैं
१७ मई २०२४मेवे का सख्त छिलका तोड़ने के लिए चिंपैंजी पत्थर का इस्तेमाल करते हैं और छड़ियों से दीमक मारते हैं. खाना ढूंढने निकली डॉल्फिन अपनी चोंच की रक्षा के लिए स्पंज का उपयोग करती हैं. गालापगोस द्वीपों पर फिंच (गाने वाली छोटी चिड़िया) कैक्टस कांटों की मदद से कीड़ों को उनके बिल से निकालते हैं. औजार इस्तेमाल करने वाले जीवों के समूह का एक सदस्य समुद्री ऊदबिलाव का भी है.
कठोर जीवों को खोलने के औजार
एक नई रिसर्च से समुद्री ऊदबिलाव के औजारों के इस्तेमाल के बारे में काफी बातों का पता चला है. यह समुद्री जीव चट्टानों और दूसरी चीजों का इस्तेमाल कर कठोर शिकारों को खोलते हैं. इसकी वजह से ऊदबिलाव कुछ बड़े शिकारों को खा पाते हैं और साथ ही कठोर आवरण को तोड़ने या फिर चबाने में उनके दांतों को नुकसान भी नहीं पहुंचता.
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ऊदबिलाव जब अपने दातों से शिकार को तोड़ नहीं पाते तो वे अपनी पीठ के सहारे पानी में बहते ले जाते हैं. इस दौरान चट्टान, कवच या बेकार बोतलों को हथौड़ी की तरह इस्तेमाल करते हैं या फिर कठोर आवरण वाले शिकारों को उनसे टकरा कर उन्हें खोलना चाहते हैं. कई बार वे ऐसे शिकारों को डॉक या नाव की सतहों से भी टकरा कर तोड़ने की कोशिश करते हैं.
इन शिकारों में उर्चिन, एबलोन, केकड़े, सीप, घोंघा और इसी तरह के दूसरे जीव शामिल हैं. कुछ बड़े शिकारों का कवच काफी ज्यादा सख्त होता है. उनके अंदर मौजूद खाए जाने वाले नरम हिस्से तक पहुंचने के लिए उन्हें बिना औजारों के तोड़ना बहुत मुशअकिल है. उदाहरण के लिए सीप, और घोंघा जैसे जीवों को तो बिल्कुल ही खाया नहीं जा सकता.
खासतौर से मादा ऊदबिलाव औजारों का इस्तेमाल नर की तुलना में ज्यादा करती हैं. रिसर्चरों का मानना है कि ऐसा उनके छोटे आकार और चबाने की कम ताकत की वजह से होता है. रिसर्चरों ने कैलिफोर्निया के तटवर्ती इलाके बिग सर, मोंटेरे, सान लुईस उबिस्पो, पीड्रास ब्लांका और एल्कहोर्न स्लॉफ में 196 दक्षिणी समुद्री ऊदबिलावों की निगरानी की.
ऊदबिलाव को औजारों की जरूरत
टेक्सस यूनिवर्सिटी और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के इवॉल्यूशनरी बायोलॉजिस्ट क्रिस लॉ इस रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख लेखक हैं. उन्होंने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "औजारों का इस्तेमाल वैकल्पिक कठोर शिकारों को, जो सिर्फ चबा कर नहीं खाए जा सकते, तैयार करने के लिए जरूरी ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करती है. इससे पता चलता है कि यह सीमित संसाधनों वाले वातावरण में कुछ ऊदबिलावों के अस्तित्व के लिए यह व्यवहार जरूरी है."
यह रिपोर्ट साइंस जर्नल में छपी है. इसमें यह भी बताया गया है कि औजारों का इस्तेमाल कितनी बार होगा यह अलग अलग ऊदबिलावों पर निर्भर करता है. रिसर्च रिपोर्ट की सहलेखक और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की जीवविज्ञानी रीता मेहता ने बताया कि कुछ ऊदबिलाव खाने के दौरान 90 फीसदी तक इसका प्रयोग करते हैं तो कुछ कभी कभार या फिर कभी नहीं. औजारों का इस्तेमाल खासतौर से मादा ऊदबिलाव के लिए जरूरी हो जाता है. मेहता का कहना है, "मादाओं को कैलोरी की जरूरत होती है. वो नर की तुलना में छोटी होती हैं और गर्भवती या बच्चे पाल रही मादा को ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है. औजार इस्तेमाल करने वाली मादा बड़े शिकारों का ज्यादा हिस्सा खाती हैं जो जिससे उनकी कैलोरी की जरूरत पूरी होती है."
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दक्षिणी समुद्री ऊदबिलावों की उपजाति को कैलिफोर्निया सी ओटर भी कहा जाता है. इ नकी लंबाई चार फीट तक हो सकती है. नर का वजन 32 किलो और मादा करीब 23 किलो तक वजनी होती हैं.
कठोर कवच वाले शिकारों को खाने के दौरान उनके दांत टूक सकते हैं. क्रिस लॉ का कहना है, "बिना दांत के ऊदबिलाव खा नहीं सकते हैं और उनकी मौत हो जाएगी. मादा के दांतों में कुल मिला कर कम नुकसान देखा गया, शायद यह ज्यादा औजारों के इस्तेमाल की वजह से है."
औजारों में मौकापरस्ती
समुद्री ऊदबिलाव नेवला परिवार के सबसे बड़े सदस्य हैं. ये आमतौर पर अपने वजन के करीब एक चौथाई के बराबर खाना रोज खा जाते हैं. शिकार की खोज में यह जंगल से लेकर समुद्री तक का चक्कर लगाते हैं. कैलिफोर्निया के तटवर्ती इलाके में दक्षिणी समुद्री ऊदबिलाव की संख्या 3,000 के करीब है.
औजारों के उपयोग के मामले में ये मौकापरस्त होते हैं. मेहता ने बताया, "ऊदबिलाव बुद्धिमान स्तनधारी हैं और वे बहुत मजबूत होते हैं. तटवर्ती इलाको मे रहने वाले लोगों ने ऊदबिलाव को इंसानों के छोड़े बेकार चीजों मसलन बोतल, प्लास्टिक के टुकड़ों का इस्तेमाल औजार के रूप में करते देखा है. तो वास्तव में शिकार को खोलने के लिए जो मिल जाए उसके इस्तेमाल के लिए तैयार रहते हैं."
एनआर/आरपी (रॉयटर्स)