जी-20 के ख़िलाफ़ हज़ारों लोगों का प्रदर्शन
२७ जून २०१०शुरुआत में प्रदर्शन आम तौर पर शांतिपूर्ण रहा, लेकिन अंत में कुछ नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने दुकानों के शीशे तोड़ दिए और एक पुलिस कार में आग लगा दी. पुलिस ने कम से कम 75 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां दागी और आंसू गैस के गोले छोड़े.
टोरंटो के मेयर डेविड मिलर ने हिंसा की निंदा की है लेकिन साथ ही कहा है कि हिंसा में सिर्फ़ एक छोटा ग्रुप शामिल था.
जी-20 संगठन में विश्व के प्रमुख औद्योगिक देशों के अलावा भारत, ब्राज़ील और चीन जैसी उभरती आर्थिक ताक़तें भी शामिल हैं. पिछले सालों में जी-8 की शिखर भेंटों के दौरान भूमंडलीकरण विरोधियों का हिंसक प्रदर्शन होता रहा है.
जी-20 की शिखर भेंट कनाडा के आर्थिक महानगर टोरंटो के केंद्र में हो रही है. पुलिस ने शहर के केंद्र को दूर दूर तक घेर रखा है और सम्मेलन स्थल की पूरी नाकेबंदी कर रखी है. सम्मेलन केंद्र को तीन मीटर ऊंची बाड़ से घेर दिया गया है और शहर आसपास की दुकानों ने अपने शीशों को लकड़ी की प्लेटों से ढक दिया है.
विरोध प्रदर्शन में भूमंडलीकरण के आलोचकों के अलावा पर्यावरण संरक्षक, राहत संगठन, ट्रेड यूनियन और महिला संगठन भी शामिल हैं. प्रदर्शनकारियों का एक नारा है, ग़रीबों के ख़िलाफ़ संघर्ष का विरोध करो, अमीरों से धन लो.
पुलिस को बाड़ के निकट आने वाले प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार करने के विशेष अधिकार दिए गए हैं. जो कोई बाड़ के पांच मीटर निकट आएगा और पहचान की जांच का विरोध करेगा उसे गिरफ़्तार किया जा सकता है. पुलिस को मिले इन विशेष अधिकारों का पहले कोई जिक्र नहीं हुआ. इन विशेष अधिकारों से आश्चर्य में पड़े एक्शन ग्रुपों ने सरकार की कड़ी आलोचना की है. प्रधानमंत्री स्टीफ़न हार्पर ने आरोपों का जवाब देने से मना कर दिया है. उन्होंने सिर्फ़ इतना संकेत दिया है कि पुलिस को विशेष अधिकार ओनतारियो प्रांत की ओर से दिए गए हैं.
एक पुराने फिल्म स्टूडियो को गिरफ़्तार किए जाने वाले प्रदर्शनकारियों के लिए अंतरिम जेल में तबदील कर दिया गया है. शिखर सम्मेलन के दौरान केवल सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पर 93 करोड़ कनैनिडियन डॉलर खर्च हुआ है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एन रंजन