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जूलिया के हिंदू बनने के मायने

८ अगस्त २०१०

हिंदू धर्म में चाहे जितनी भी सामाजिक कुरीतियां हों, हॉलीवुड स्टार जूलिया रॉबर्ट्स जैसी पश्चिमी हस्तियों को वह आध्यात्म के कारण आकर्षित कर रही है. उज्ज्वल भट्टाचार्य का सवाल है कि क्या आकर्षण की वजह सिर्फ आध्यात्म है.

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तस्वीर: AP

''मुझे हिंदू धर्म में विश्वास है, व्यावहारिक जीवन में मैं हिंदू हूं.'' ग्लोबल सुंदरी जूलिया रॉबर्ट्स कहती हैं. साथ ही उनका कहना है कि यह जीवन तो दोस्त-यारों, परिवार के चक्कर में बर्बाद हो गया, अगले जनम में मैं शांति चाहती हूं.

जूलिया की भलाई चाहने वाले की हैसियत से इतना ही कहा जा सकता है कि अगले जनम में हिंदू भ्रूण के रूप में उनका टेस्ट न हो, कायदे से जनम हो, दहेज की फ़िक्र में न उनके माता-पिता को तकलीफ़ हो, और न ही उनको ऐसे इंस्टीट्यूट में बेकार जाना पड़े, जहां कुछ महिलाएं इंदिरा गांधी या इंद्रा नूई बनने को नहीं, बल्कि पति ढूंढ़ने जाती हैं.

Indien Julia Roberts Eat Pray Love
संतों का साथतस्वीर: AP

जूलिया हिंदू बन गयी हैं. क्या फ़र्क पड़ता है. इस धर्म से निकलने के हज़ारों रास्ते हैं, और जहां तक वेद-पुराण का सवाल है, घुसने के भी हज़ारों रास्ते हैं. कोई बपतिस्मा जैसा रिवाज नहीं है, बस कह देना काफ़ी है कि मैं हिंदू हूं.

और जूलिया ने कहा, कह दिया, बस. अब हो सकता है कि कुछ रूढ़िवादी हिंदू परिवारों में लोग अभी भी उनके साथ एकसाथ खाने के लिए तैयार न हों. पता नहीं, क्या-क्या खाती है. वैसे ऐसे लोग अभी बहुत ज़्यादा नहीं रह गए हैं. जो हैं, यानी जिनकी चलती है, वे ख़ुश होंगे, कि जूलिया के हिंदू होने का मतलब है कि शायद मोटा चंदा मिलेगा. तो चंदा तो हिंदू बनने वाली जूलिया के लिए कोई प्रॉब्लेम नहीं है, कि फ़रक पेंदा यारो.

शतपथ ब्राह्मण के युग में क्षत्रिय राजा दिवोदास ने पहली बार पुनर्जन्म की कथा सुनाई थी. इसलिये मानकर चला जा सकता है कि जूलिया राबर्ट्स क्षत्राणी हैं. वैसे हिंदू मिथकों की कई किंवदंतियों से उनका नाता है, उर्वशी, रम्भा, मेनका... उर्वशी तो अपने प्रियतम राजा पुररवा के लिए धरती पर उतर आई थीं. कालिदास के अनुसार उन्होंने कहा था, नहीं मैं थक जाती हूं. स्वर्ग ही बेहतर है. उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रेटी वूमैन जूलिया थक नहीं जाएंगी.

जूलिया अब हिंदू बन गई हैं. लेकिन कैसा हिंदू? शाक्त, या वैष्णव, या सांई बाबा वाली? वैसे यहां भी कोई फ़र्क नहीं पड़ता. दिल्ली-मुंबई में ये सब कौन पूछता है? जब तक मुंबई की लोकल ट्रेन में सफ़र न करना हो, सब चल जाता है. जूलिया अपनी आखिरी फ़िल्म, मेरा मतलब है अब तक की आखिरी फ़िल्म, ईट, प्रे, लव की शूटिंग के लिए भारत गई थी. इस फ़िल्म की नायिका डाइवोर्स के बाद अच्छे खाने के लिए इटली जाती है, आध्यात्म के लिए भारत और प्यार यानी सेक्स के लिए बाली द्वीप. हो सकता है कि जूलिया को लगा हो कि भारत में शायद तीनों मिल सकता है?

शूटिंग के दौरान जूलिया भारत के एक मंदिर में गई थीं. उनकी हिफ़ाजत के लिए साढ़े तीन सौ गार्डस के ज़रिये मंदिर को घेर लिया गया था. किसी को पास फटकने की इजाज़त नहीं थी. यह भी भारतीय परंपरा है. वेलकॉम जूलिया.

लेख: उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: महेश झा