1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

"जो काम करे, उसे मिलें पैसे"

१८ फ़रवरी २०१०

जर्मनी में चल रहे समाज कलयाण विवाद ने चांसलर मैर्कल और विदेश मंत्री वेस्टरवेले के बीच दीवार खड़ी कर दी है और गठंबंधन में मैर्कल की सबसे करीबी पार्टी को भी परे कर दिया है.

https://p.dw.com/p/M4KF
काम करोगे तो खुश रहोगे-वैस्टरवेलेतस्वीर: AP

जर्मन विदेश मंत्री वेस्टरवेले ने हार्त्स 4 नाम के सरकार द्वारा गरीबों को दिए जाने वाले भत्ते की आलोचना करते हुए कहा था कि जो व्यक्ति जनता को बिना किसी ख़ास मेहनत के समृद्धि का वादा करता है, वह रोम राज्य के स्तर के पतन को बुलावा दे रहा है.

चांसलर मैर्कल ने निजी तौर पर वेस्टरवेले के बयान की आलोचना की है. मैर्कल ने इसे आड़े हाथ लिया है और समाज कल्याण को लेकर वेस्टरवेले की आलोचना को खारिज किया है. उन्होंने कहा,"मैंने साफ कर दिया है कि जो गीडो वेस्टरवेले ने कहा है, वह मेरे शब्द नहीं है. मैं साफ तौर पर कहती हूं..यह मेरे शब्द नहीं हैं, यह मेरा तरीका नहीं है. हम कह रहे हैं कि सामाजिक बाज़ार व्यवस्था का मतलब है कि भत्ता देने वाले सरकार संस्थानों को मज़बूत किया जाए और साथ ही उन लोगों को एक किया जाए जिनकी आर्थिक क्षमता कम है."

Merkel Politischer Aschermittwoche 2010
सामाजिक कल्याण या गठबंधन की सुरक्षा-मैर्कलतस्वीर: AP

वेस्टरवेले ही नहीं, बल्कि जर्मन संसद में भी मैर्कल के समाजिक नीतियों पर हमला कर रहे विपक्षियों को मैर्कल की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, "जब मैं देखती हूं कि ग्रीन पार्टी और सेशियल डेमोक्रेट्स किस तरह अपनी प्रतिक्रियाएं सामने रखते हैं और आलोचना करते हैं, तो मैं सोचती हूं, यह कैसे नासमझ लोग हैं". मैर्कल ने कहा कि विवादित हार्त्स 4 क़ानून वास्तव में सोशियल डेमोक्रेट्स एसपीडी की उपज थी लेकिन उन्होंने कभी इन क़ानूनों में गलतियों को हटाने या उन्हें सुधारने का कष्ट नहीं किया.

मैर्कल की उप प्रवक्ता ज़ाबीने हाइमबाख ने एक बयान में कहा है कि चांसलर मार्च में हो रहे बजट बातचीत के दौरान जनहित राष्ट्र का सवाल उठाएंगी और यह सवाल समाजवादी तौर पर नहीं बल्कि पिछले दिनों जर्मन स्वौधानिक अदालत द्वारा हार्त्स 4 पर किए फैसले को बदलने के लिए उठाया जाएगा.

लेकिन वेस्टरवेले हार्त्स 4 क़ानून के सिलसिले में अपने बयान से पीछे नहीं हट रहे. बुधवार को उन्होंने कहा कि काम काज के पैसे मिलने चाहिएं और जो काम करता है उसे किसी बेकार बैठने वाले व्यक्ति से ज़्यादा पैसे मिलने चाहिएं. अपनी पार्टी के एक बैठक में उन्होंने कहा कि जनता को सच्चाई चाहिए. वेस्टरवेले ने एक नई सामाजिक राजनीति की बात की.

उधर मैर्कल के सीडीयू पार्टी की करीबी सीएसयू पार्टी के प्रमुख होर्स्ट ज़ेहोफर ने भी मूल रूप में वेस्टरवेले के तर्क का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि काम करने का फायदा होना चाहिए. 2008 के आंकड़ों के मुताबिक जर्मनी में हर सांतवां व्यक्ति गरीब था या फिर गरीबी रेखा के बहुत ही करीब था. जर्मन अर्थव्यवस्था संशोधन संस्थान के मुताबिक ग़रीबी का असर ख़ास तौर पर युवा और बच्चों पर पड़ता है. हालांकि एसपीडी के ज़िग्मार गाब्रिएल ने ग़रीबों को समाज की परेशानी न बताकर एक और विवाद को सामने रखा है. उनका कहना है कि जर्मनी के टैक्स चोर वास्तव में असामाजिक हैं.

रिपोर्टःडीपीए/ एम गोपालकृष्णन

संपादनः ओभा मोंढे