तंजानिया को 19 करोड़ डॉलर का कर्ज देगा भारत
२८ मई २०११मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत 18 करोड़ डॉलर देश की व्यावसायिक राजधानी दारेस्सलाम में जल आपूर्ति सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए देगा. वहीं एक करोड़ डॉलर की राशि मानव संसाधन विकसित करने और शिक्षा से जुड़े कार्यक्रमों के लिए दी जाएगी.
दारेस्सलाम में तंजानिया के राष्ट्रपति जकाया किकवेटे के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस में मनमोहन सिंह ने कहा, "भारत और तंजानिया लंबे समय से मिल कर काम कर रहे हैं. अब हमें अपने सहयोग को नया आयाम देना है." सिंह इथोपिया की राजधानी अदीस अबाबा से तंजानिया पहुंचे हैं.
मनमोहन सिंह ने अदीस अबाबा में भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने अफ्रीकी देशों के लिए बड़ी मदद का एलान किया. इसके तहत कर्ज के रूप में अफ्रीकी देशों को 5 अरब डॉलर की राशि दी जाएगी. भारत अफ्रीकी महाद्वीप में अपना असर बढ़ाना चाहता है जहां चीन तेजी से अपने पांव पसार रहा है.
सिंह ने तंजानिया के अधिकारियों के साथ तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इनमें एक समझौता दोहरे कराधान से बचने और दो अन्य समझौते तंजानिया के छोटे और मझोले उद्योगों को मदद देने और अस्पताल निर्माण में सहायता से जुड़े हैं.
किकवेटे ने कहा कि सिंह के साथ होने वाली उनकी बातचीत में सहयोग के नए क्षेत्रों पर भी चर्चा हुई जिनमें कृषि और निर्माण के क्षेत्र प्रमुख है. उन्होंने बताया कि भारत और तंजानिया के बीच पिछले पांच साल में व्यापार दोगुना हो गया है. 2010 में दोनों देशों का कारोबार बढ़ कर 1 अरब डॉलर हो गया. वहीं भारत ने पिछले साल तंजानिया में 1.3 अरब डॉलर का निवेश किया.
किकवेटे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन करने का संकल्प किया. उन्होंने कहा, "भारत के पास वह सब है जो सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट हासिल करने के लिए जरूरी है. यह ठीक नहीं है कि 1945 से परिषद उन्हीं सदस्यों के हाथों में है." सिंह ने कहा कि अफ्रीका को भी इस विश्व संस्था में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.
सिंह के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को स्वदेश रवाना होगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम