तकनीक से आदमी नहीं बन सकता भगवानःपोप बेनेडिक्ट
१७ अप्रैल २०११ईस्टर रविवार से एक हफ्ते पहले पाम रविवार को पोप बेनेडिक्ट वैटिकन में जनता के सामने आए. पाम संडे को ही ईसा मसीह यरुशलम आए थे और उसके बाद वाले शुक्रवार को उन्हें सलीब पर चढ़ाया गया था. वैटिकन में जमा हुए करीब दस हजार लोगों को संबोधित करते हुए पोप ने कहा, "शुरुआत से ही पुरुषों और महिलाओं की इच्छा रही है, कि वह 'भगवान की तरह' बन जाएं और अपनी ताकत के जरिए ईश्वरीय ऊंचाइयों तक पहुंचें. मानवता ने कितना कुछ हासिल किया है, हम उड़ सकते हैं, हम दुनिया के कोने कोने तक पहुंच सकते हैं और लोगों को देख और उनसे बात कर सकते हैं और फिर भी गुरुत्वाकर्षण जो हमें जमीन की ओर खींचता है, वह कितना शक्तिशाली है."
पोप का कहना है कि तकनीक की वजह से जीवन में काफी बदलाव आए हैं लेकिन इससे दुष्टता भी बढ़ी है. हाल की प्राकृतिक आपदाएं भी याद दिलाती हैं कि मनुष्य अब भी कुछ मामलों में कमजोर है. अगर मनुष्य को ईश्वर के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने है, तो सबसे पहले उसे खुद ईश्वर बनने का लालच त्यागना होगा. सार्वजनिक प्रार्थना के बाद पोप ने कोलंबिया में शांति की अपील की और शुक्रवार को वहां प्रार्थना का दिन एलान करने का आह्वान किया.
पाम संडे एक ऐसा त्योहार है जिसमें यरुशलम में ईसा मसीह के आगमन को मनाया जाता है. इसी दिन वह यरुशलम पहुंचे थे. वैटिकन के ही एक समारोह में एक पादरी ने पाम रविवार और ईस्टर रविवार के बीच ईसा मसीह की जिंदगी के अहम पड़ाव याद किए. इसी को देखते हुए वैटिकन की सड़कों को जैतून के पेड़ों और तांबे की मूर्तियों से सजाया गया है.
गुरुवार को पोप वैटिकन के दो बड़े और पारंपरिक प्रार्थना सभाओं की अगुवाई करेंगे जिसमें वे 12 व्यक्तियों के पैरों को धोकर चूमेंगे. इस समारोह में ईसा मसीह के 12 साथियों को याद किया जाता है. शुक्रवार यानी गुड फ्राइडे को वे वैटिकन में प्रार्थना करेंगे और रोम के प्राचीन कोलोसियम में एक जुलूस निकालेंगे. इसे वाया क्रूचिस कहा जाता है, यानी वह रास्ता जिस पर ईसा मसीह अपने सलीब का बोझ लेकर चले थे. ईस्टर रविवार को पोप दुनिया के लोगों को खास संदेश देंगे.
रिपोर्टः रॉयटर्स/एमजी
संपादनः एन रंजन