तनहा रह गया ओसामाः सीआईए
१४ नवम्बर २००८अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अपने शासनकाल के दौरान तीन मुख्य लक्ष्य रखे थेः मध्यपूर्व शांति समझौता, इराक़ में शांति बहाल करना और अफगानिस्तान में अल-काइदा को नाकाम कर के ओसामा बिन लादन को पकड़ना-- लेकिन इन तीनों में से किसी एक लक्ष्य को हासिल करने में पूर्ण रूप से उन्हें सफलता नहीं मिल पाई है.
अब अमेरिकी सरकार कुछ दबाव में आती दिख रही है. गुप्तचर सेवा सीआईए के अध्यक्ष माइकल हेडन ने एक भाषण के दौरान कहा है कि अल काइदा अब भी अमेरिका के लिये सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि हेडन के अनुसार अब ओसामा बिन लादन अब अकेले पड़े चुका है.
हेडन के अनुसार आज अमेरिका को जिस किसी आतंकवादी संघठन से खतरा है इसके तार कहीं न कहीं अल काइदा के साथ जुड़े हैं. खासकर अफ्रीका और मध्यपूर्व में अल-काइदा लगातार ताकतवर हो रहा है.
हेडन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में कडबाइली क्षेत्रों में सेना की कार्रवाई के बाद से अल काइदा काफी हद तक दबाव में आ गया है.
ओसामा बिन लादेन के बारे में हेडन ने बताया कि उसे अपनी ज़िन्दगी बचाने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. इस बीच ओसामा को अल काइदा की रोज़ की गतिविधियों के बारे में भी ज्यादा पता नहीं है. हेडन के अनुसार, मीडिया की अटकलों के विपरीत, ओसामा को पकड़ना आज भी सीआईए की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि ओसामा, पाक-अफगान सीमाई क्षेत्र में किसी दूर दराज़ के इलाके में छिपा है जहां छान बीन करना बहुत मुश्किल है.
हेडन ने कहा कि अगर ओसामा किसी भी सूरतेहाल में पकड़ा जाता है, ज़िन्दा या मुर्दा, तो अल काइदा के काम को बहुत बड़ा धचका लगेगा.