एएफडी के नेतृत्व वाला पहला राज्य बन सकता है थुरिंजिया
४ मार्च २०२०पिछली बार के चुनाव में अंगेला मैर्केल की क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी की जितनी किरकिरी हुई उससे वह अब भी नहीं उबर पाई है. पार्टी खुद भी अपना नया मुखिया चुनने और उसे चांसलर पद का मजबूत उम्मीदवार बनाने को लेकर संघर्षरत है. 25 अप्रैल को बर्लिन में सीडीयू पार्टी का नया नेता चुनने के लिए वोटिंग होनी है. दूसरी ओर, थुरिंजिया राज्य में इस दौर के चुनाव में सीडीयू दूरी बनाए रखते हुए मतदान में हिस्सा नहीं लेगी. विधानसभा में सीडीयू की 21 सीटें हैं.
पहली बार ऐसा हुआ कि एफडीपी पार्टी के नेता थोमास केमेरिष को मुख्यमंत्री पद संभालने के चंद घंटों के भीतर ही इस्तीफा देना पड़ा था. ना सिर्फ उन्हें धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी से समर्थन लेने के लिए कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी बल्कि चांसलर अंगेला मैर्केल की पार्टी सीडीयू के सदस्यों को भी केमेरिष के पक्ष में वोट देने की भारी कीमत चुकानी पड़ी.
5 फरवरी को राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री चुने जाने के लिए हुए चुनाव के तीसरे चरण के मतदान में एएफडी के एक वोट से ही केमेरिष ने सत्ताधारी गठबंधन के उम्मीदवार, वामपंथी डी लिंके पार्टी के नेता और निवर्तमान मुख्यमंत्री बोडो रामेलो को हराया था.
2014 में रामेलो लेफ्ट पार्टी के पहले नेता बन गए थे जो किसी जर्मन राज्य का नेतृत्व करे. एक बार फिर से सत्ता में लौटने के लिए उन्हें केवल 4 और वोट चाहिए जो कि तीन पार्टियों के गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हैं. लेकिन राज्य में सीडीयू वाम पार्टी को समर्थन नहीं देना चाहती है, इसलिए असेंबली में सीडीयू के नए नेता मारियो फॉइग्ट ने ट्वीट कर साफ किया है कि पार्टी बुधवार को हो रही वोटिंग से बाहर रह कर थुरिंजिया में शांति लौटाने में मदद करेगी.
64-वर्षीय रामेलो ने पहले राउंड की वोटिंग के समय खुद भी साफ कहा था कि वह सीडीयू का समर्थन लेकर पद नहीं संभालना चाहेंगे. इस बार रोमेलो को चुनौती पेश कर रहे हैं संसद में एएफडी धड़े के नेता ब्यॉर्न होएके. होएके की पार्टी की राज्य विधानसभा में 22 सीटें हैं. देखने वाली बात यह होगी कि दक्षिणपंथी नेता को समर्थन कौन कौन देता है. व्यापारियों का समर्थन करने वाली पार्टी फ्री डेमोक्रैट कह चुकी है कि वह ना तो रामेलो और ना ही होएके को समर्थन देगी और वोटिंग को बॉयकॉट करेगी.
अगर अभी नया मुख्यमंत्री नहीं चुना जा सका तो अगले महीने नए सिरे से संसदीय चुनाव करवाने पड़ सकते हैं. थुरिंजिया में इसके पहले विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुए थे. तब सत्ताधारी लेफ्ट पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उसे 31 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं एएफडी ने पिछले चुनाव की तुलना में दोगुने यानी करीब 23.4 प्रतिशत वोट हासिल किए थे.
आरपी/एनआर (डीपीए, एएफपी)
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