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नये मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती पर विचार कर रहा है जर्मनी

२८ मार्च २०२२

जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स पूरे देश के लिए एक मिसाइल डिफेंस कवर तैनात करने के बारे में विचार कर रहे हैं. इस बारे में पहले से ही कुछ कयास लग रहे थे रविवार को शॉल्त्स ने इसकी पुष्टि कर दी.

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इस्राएल का एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम
इस्राएल का एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टमतस्वीर: ZUMA Wire/imago images

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूरोप का सुरक्षा परिदृश्य बदल गया है. यूरोपीय देशों की सुरक्षा को लेकर चिंता के साथ ही नाटो की सक्रियता और एकजुटता बढ़ गई है. पिछले दिनों जर्मनी ने दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से चली आ रही रक्षा नीति में बड़े बदलाव के संकेत दिए थे और अचानक रक्षा बजट बढ़ाने का एलान कर दिया था. अब उसी दिशा में कुछ और कदम भी उठाए जा रहे हैं.

मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर विचार

रविवार को जर्मनी टीवी चैनल एआरडी से बातचीत में चांसलर शॉल्त्स से मिसाइल हमलों से बचाव के लिए सिस्टम लगाने के बारे में पूछा गया तो शॉल्त्स ने कहा कि "निश्चित रूप से यह उनमें शामिल है, जिन पर हम चर्चा कर रहे हैं." इसके साथ ही जर्मन चांसलर ने यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई के संदर्भ में यह भी कहा, "हमें खुद को इस सच्चाई के लिए तैयार करना होगा कि हमारा पड़ोसी अपने हितों में दबाव बनाने के लिए ताकत का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है, इसलिए हमें साथ मिल कर इसके लिए काम करना होगा, जिससे कि वह ना हो सके."

जर्मन चांसलर ने अरबों डॉलर खर्च करने के लिए बन रही योजना के बारे में और ब्यौरा देने से मना कर दिया और बस यही कहा कि अभी यह तय नहीं है. 

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जर्मनी में पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम पहले से ही तैनात है
जर्मनी में पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम पहले से ही तैनात हैतस्वीर: Agnieszka Majchrowicz/AA/picture alliance

आयरन डोम और एरो

कुछ दिन पहले जर्मन अखबार बिल्ड ने खबर दी थी कि जर्मनी इस्राएल से एरो 3 सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है. इसकी कीमत तकरीबन 2.2 अरब डॉलर है. एरो सिस्टम लंबी दूरी से आने वाली मिसाइलों को खत्म करने में सक्षम है. यह पृथ्वी से बहुत अधिक ऊंचाई पर काम करता है. वास्तव में इसकी रेंज पृथ्वी के वायुमंडल तक है.

इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती के बाद जर्मन सेना की क्षमता में नया इजाफा होगा.

इस्राएल का एरो सिस्टम आयरन डोम सिस्टम से अलग है. आयरन डोन को कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाली कम दूरी की मिसाइलों के लिए तैयार किया गया है. कम ऊंचाई और दूरी वाली मिसाइलों से रक्षा के लिए जर्मनी के पास पहले ही एक डिफेंस सिस्टम तैनात है. इसका नाम पैट्रियट है.

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यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद जर्मन चांसलर ने जर्मन सेना को मजबूत करने के लिए 100 अरब यूरो के विशेष फंड  की घोषणा की. यह पैसा कैसे खर्च होगा, इस पर उन्होंने जर्मन सेना के महानिरीक्षक एबरबार्ड त्सॉर्न और रक्षा मंत्री क्रिश्टीन लाम्बरेष्ट से बुधवार को चर्चा की. बिल्ड अखबार ने खबर दी है कि इस दौरान एरो 3 को हासिल करने के बारे में भी चर्चा हुई है.

सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि जर्मन संसद के रक्षा विभाग से जुड़े कुछ नेता इस्राएल जा रहे हैं और वहां एयर डिफेंस सिस्टम के बारे में जानकारी हासिल करेंगे. इस दौरान इस्राएली नेताओं और सुरक्षा अधिकारियों से कई स्तरों पर बातचीत होगी.

जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स
जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्सतस्वीर: Wolfgang Borrs/NDR/dpa/picture alliance

यूक्रेन युद्ध ने बदले हालात

बीते कुछ दशकों से जर्मनी अपने लिए किसी पारंपरिक युद्ध के खतरे की आशंका नहीं देख रहा था. यही वजह है कि मिसाइल डिफेंस सिस्टम को जरूरी मानते हुए भी इस पर उतना ध्यान नहीं दिया गया. इनके आधुनिकीकरण की योजनाएं भी समय से पीछे चल रही थीं. यूक्रेन युद्ध से पहले तक जर्मनी के लिए खुद की बजाय नाटो के सदस्य देशों पर हमले की आशंका ही ज्यादा बड़ी चिंता की वजह थी.

यूक्रेन युद्ध के बाद जिस तरह हालात बदले हैं, उसमें अब हैरान करने वाली घटनाओं की जगह सिमटती जा रही है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की मदद करने वालों को कई बार धमकी भी दे चुके है. ऐसे में अब पश्चिमी देशों को अपनी रक्षा जरूरतों के बारे में नए सिरे से सोचना पड़ रहा है. 

एनआर/आरएस (डीपीए)