नशीला खाट सोमालीलैंड की रग रग में
नशीला पौधा खाट अफ्रीकी राज्य सोमालीलैंड की संस्कृति का गहरा हिस्सा है. विशेषज्ञ परिवार पर पड़ने वाले इसके बुरे असर के बारे में बताते आए हैं, लेकिन स्थानीय लोग इसे अपनी अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा मानते हैं.
अनुमान है कि सोमालीलैंड के 90 फीसदी पुरुष खाट चबाते हैं. सोमालीलैंड के निवासी प्रतिदिन खाट पर करीब 10 लाख डॉलर खर्च करते हैं. बेरोजगार अब्दीखालिद बताते हैं, "मैं अपने दोस्त से पैसे उधार लेता हूं. दोबारा नौकरी करने लगा तो उसका कर्ज चुका दूंगा."
देर रात तक काम करने वाली नफयार कहती हैं, "मुझे सेहत पर असर की चिंता है लेकिन इससे मुझे काम करने में मदद मिलती है." स्थानीय पत्रकार अब्दुल बताते हैं कि जब काम खत्म करने की समय सीमा करीब होती है तब वह खाट चबाते हैं, "यह शराब से बेहतर है, आप इसके बाद भी सामान्य रूप से काम कर सकते हैं." खाट चबाने से उनका मुंह और दांत हरे हो गए हैं.
ग्राहक सड़क के किनारे लगी गुमटियों में महिलाओं से खाट खरीदते हैं. जाहरे ऐदीद कहती हैं, "मेरी एक दुकान और कैफे था, मैंने यहां खाट बेचना भी शुरू कर दिया क्योंकि मैं अपना व्यवसाय बढ़ाना चाहती थी."
ऐदीद बताती हैं, "कई महिलाओं ने गृह युद्ध के बाद खाट बेचना शुरू किया ताकि वे इस व्यवसाय से अपने परिवार के लिए पैसे कमा सकें. जब उन्होंने इसे बेचना शुरू किया तो धीरे धीरे वे इस काम में बेहतर होती गईं. इस समय इस काम में अनगिनत महिलाएं लगी हैं." सोमालीलैंड की 20 फीसदी महिलाएं भी खाट चबाती हैं.
खाट उत्तरी पूर्वी इथियोपिया में उगाई जाती है और वहीं से सोमालीलैंड तक ट्रकों पर लाई जाती है.
सोमालीलैंड की खाट पर निर्भर अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत हो गई है कि इससे सोमालीलैंड की सरकार को भारी टैक्स मिलता है. सोमालीलैंड के वित्त मंत्रालय के वेली दाऊद के मुताबिक, "2014 में सरकार का बजट 15.2 करोड़ डॉलर था जिसमें से 20 फीसदी योगदान खाट का था."
राजनीतिक सलाहकार फातिमा सईद इसके कुप्रभावों के बारे में बात करते हुए कहती हैं, "बात यहां तक आ जाती है कि आदमी घर का हिस्सा नहीं रह जाता औरत को अकेले सब कुछ करना पड़ता है. मर्द घंटों बैठे खाट चबाते रहते हैं, इसकी लत लग जाती है. इससे भ्रम, नींद ना आना, भूख ना लगना और अन्य समस्याएं भी होती हैं."
अब्दुल कहते हैं, "खाट लोगों को करीब लाता है, लोग साथ बैठकर चर्चा करते हैं और जानकारी बांटते हैं." वह मानते हैं कि इससे समाज के लोग एक साथ आते हैं, उन्हें एक दूसरे की समस्याओं के बारे में पता चलता है.
सईद कहते हैं कि मौजूदा सरकार किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाएगी, यानि यह कारोबार जारी रहेगा. हर रोज स्थानीय पुरुष एक दूसरे के साथ घंटों तक इकट्ठे बैठकर खाट चबाते हैं. नफयार कहती हैं, "खाट क्या है यह आप तभी जानेंगे जब इस चबाएंगे."