नस्लवाद से नाराज ओएजिल ने छोड़ी जर्मन फुटबॉल टीम
२३ जुलाई २०१८वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले मेसुत ओएजिल ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोवान से मुलाकात की और तब से वे विवादों में घिरे रहे. आखिरकार रविवार को उन्होंने ट्विटर पर तीन पन्नों का अपना बयान जारी किया. इसमें उन्होंने साफ किया कि अब वे जर्मनी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल नहीं खेलेंगे. इस बयान में ओएजिल ने सीधे जर्मन फुटबॉल संघ डीएफबी के अध्यक्ष राइनहार्ट ग्रिंडल आरोप लगाते हुए कहा है कि वे खुद को बलि का बकरा नहीं बनने देंगे.
ओएजिल ने लिखा, "ग्रिंडल और उनके समर्थकों के लिए, अगर हम जीत जाते हैं, तो मैं जर्मन होता हूं और अगर हार जाते हैं, तो आप्रवासी बन जाता हूं." उन्होंने आगे लिखा, "मैं अनचाहा महसूस कर रहा हूं और मुझे ऐसा लगता है कि 2009 में अपनी शुरुआत के बाद से मैंने जो भी सब हासिल किया, वो सब भुलाया जा चुका है."
ओएजिल ने लिखा है कि जर्मनी में अपना पूरा जीवन बिताने के बावजूद उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है, "जर्मनी में टैक्स चुकाने, जर्मन स्कूलों में दान देने और 2014 में जर्मनी के लिए वर्ल्ड कप जीतने के बावजूद मुझे अब भी समाज में स्वीकारा नहीं जा रहा है. मेरे साथ भेदभाव किया जाता है."
वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ओएजिल और टीम के एक और खिलाड़ी इल्काय गुएनदोआन ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोवान से मुलाकात की और उनके साथ तस्वीर भी खिंचवाई. इस पर देश में काफी विवाद उठा. जर्मनी और तुर्की के नाजुक संबंधों को देखते हुए ओएजिल की काफी आलोचना हुई. लेकिन अपने बयान में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का कोई पछतावा नहीं है, "पिछले चुनाव या उससे पहले के चुनाव का जो भी नतीजा रहा होता, मैंने फिर भी वह तस्वीर ली होती."
इसके अलावा ओएजिल ने मीडिया के रवैये पर भी निराशा जाहिर की. मीडिया के दोहरे मानदंडों की बात करते हुए उन्होंने लोथार माथेउस का उदाहरण भी दिया है. लोथार माथेउस ने 1990 में बतौर टीम कैप्टन जर्मनी को वर्ल्ड कप में जीत दिलवाई थी. ओएजिल ने लिखा कि जब माथेउस रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जा कर मिले तो उस पर मीडिया की ओर से लगभग कोई आलोचना नहीं हुई लेकिन उनकी एर्दोवान से मुलाकात पर मीडिया बरसी क्योंकि वे खुद तुर्क मूल के हैं, "मैं यह बर्दाश्त नहीं कर सकता कि जर्मन मीडिया लगातार मेरी पृष्ठभूमि और मेरी एक तस्वीर को वर्ल्ड कप में पूरी टीम के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार बता रहा है."
ओएजिल ने आगे लिखा, "उन्होंने मेरी परफॉरमेंस की आलोचना नहीं की, टीम की परफॉरमेंस की भी आलोचना नहीं की, उन्होंने सिर्फ मेरे तुर्क मूल के होने की आलोचना की और मेरी परवरिश पर उंगली उठाई. उन्होंने वो हद पार कर दी है जो उन्हें नहीं करनी चाहिए थी, अखबारों ने जर्मन राष्ट्र को मेरे खिलाफ करने की कोशिश की है."
ओएजिल के ये बयान एर्दोवान के साथ तस्वीरें खिंचवाने के लगभग दो महीने बाद आए हैं. इस पर भी सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर अब वे अपनी प्रतिक्रया क्यों दे रहे हैं, जबकि उनके साथी गुएनदोआन ने उसी वक्त मीडिया को अपनी सफाई पेश कर दी थी. उन्होंने अटकलों को खत्म करते हुए कहा था कि फैन्स और मीडिया ने उन पर जो आरोप लगाए हैं वो बेबुनियाद और झूठे हैं, जबकि ओएजिल ने पूरे वर्ल्ड कप के दौरान इस मामले पर चुप्पी साध रखी थी.
इस बीच जर्मनी की उग्र दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी भी ओएजिल को निशाना बनाती रही है और सोशल मीडिया पर उनकी तुर्की के साथ नजदीकियों पर आलोचना करती रही है. ओएजिल ने इस बारे में कहा है कि तुर्क मूल के जर्मन होने के नाते वे दोनों देशों के प्रति ईमानदार रहना चाहते हैं, "मेरी परवरिश भले ही जर्मनी में हुई हो लेकिन मेरे परिवार की जड़ें तुर्की से जुड़ी हैं. मेरे दो दिल हैं, एक जर्मन और एक तुर्क."
तुर्की के राष्ट्रपति से अपनी मुलाकात के बारे में उन्होंने आगे लिखा, "जर्मन मीडिया ने भले ही एक अलग छवि पेश की हो लेकिन सच्चाई यह है कि राष्ट्रपति से ना मिलने का मतलब होता अपने पूर्वजों का निरादर करना, जो आज मुझे इस जगह पर देख कर मुझ पर जरूर गर्व करते." ओएजिल ने लिखा है कि एर्दोवान से मुलाकात ना ही राजनीति से प्रेरित थी और ना ही चुनावों से उसका कोई लेना देना था. उन्होंने साफ किया है कि फोटो खिंचवाने से उनका मतलब यह कतई नहीं था कि वे एर्दोवान की नीतियों का प्रचार कर रहे हों.
जर्मनी की राष्ट्रीय टीम में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी खिलाड़ी ने नस्लवाद के चलते इस्तीफा दिया हो. फुटबॉल के दीवाने जर्मनी के लिए यह एक काफी बड़ा झटका है.
रिपोर्ट: मैथ्यू प्रियर्सन/आईबी