पाक की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को मदद का भरोसा
१५ जनवरी २०११पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए विशेष अमेरिकी दूत रिचर्ड हॉलब्रुक की याद में एक समारोह में शामिल होने के लिए वॉशिंगटन पहुंचे जरदारी और ओबामा के बीच बैठक हुई. इस मुलाकात में आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा का मुद्दा छाया रहा. पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों की अहमियत पर बल देते हुए ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान को सहयोग जारी रखा जाएगा.
व्हाईट हाउस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "दोनों नेताओं के बीच बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई, क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने और अफगानिस्तान समस्या के समाधान के लिए शांतिपूर्ण और स्थायी रास्ता तलाशने पर चर्चा हुई." राष्ट्रपति ओबामा और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के साथ बातचीत में जरदारी ने पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए मदद की अपील की.
सामाजिक और राजनीतिक हालात पर विचार
वॉशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी ने बताया, "राष्ट्रपति ओबामा और हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में अमेरिका ऐसे कदमों की घोषणा करेगा जिससे पाकिस्तान में आर्थिक सुधार प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी. इस प्रक्रिया में सामाजिक और राजनीतिक हालात पर भी विचार किया जाएगा." हक्कानी के मुताबिक जरदारी ने अमेरिका से मदद मिलने के प्रति संतोष जताया है. 2009 में पाकिस्तान को अमेरिका से पांच साल के लिए 7.5 अरब डॉलर का पैकेज मिला.
हक्कानी ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान नहीं चाहता कि वह हमेशा मदद पर निर्भर रहे. "पाकिस्तान अपने कदमों पर खड़ा होना चाहता है और इसके लिए आर्थिक सुधारों की जरूरत है." प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने पिछले हफ्ते ईंधन की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी को वापस ले लिया. संसद में बहुमत खो देने के बाद प्रधानमंत्री गिलानी को विपक्षी पार्टी की इस मांग के आगे झुकना पड़ा.
ओबामा और जरदारी के बीच बैठक में पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या का मामला भी उठा. ईशनिंदा कानून का विरोध करने वाले तासीर की उन्हीं के एक अंगरक्षक ने हत्या कर दी. तासीर के हत्यारे मुमताज कादरी का कट्टरंपथी समर्थन कर रहे हैं जिस पर ओबामा ने चिंता जताई है. "मैं उन लोगों की रुख से चिंतित हूं जो तासीर की हत्या की निंदा नहीं करना चाहते." ओबामा ने हत्यारे को सजा दिलाने के लिए पाकिस्तान सरकार के प्रयासों की तारीफ की है और उदारवादी, लोकतांत्रिक पाकिस्तान के लिए इसे जरूरी बताया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ईशा भाटिया