पाक की खिल्ली उड़ाने वाला विडियो रातों रात हिट
२१ अक्टूबर २०११आलू अंडे नाम के इस म्यूजिक विडियो में पाकिस्तानी राजनेताओं को मजाक उड़ाया गया है. इसमें सेना प्रमुख जनरल अश्फाक कयानी को भी नहीं बख्शा गया है जबकि सेना के खिलाफ कुछ भी कहने से पहले पाकिस्तान में हर कोई सौ बार सोचता है. लेकिन लाहौर के तीन गायकों ने ऐसा करने की हिम्मत की है.
सेना प्रमुख को मिले तीन साल के एक्टेंशन और अल कायदा और तालिबान के खिलाफ कार्रवाई करने से उनके इनकार की तरफ इशारा करते हुए विडियो में कहा गया है, "एक्सटेंशन पर पै गए रौले, ताइयों चीफ दी बोलती भी बंद है."
गाने में उस सुरक्षाकर्मी को मिलने वाले जनसमर्थन की आलोचना भी की गई है जिसने ईशनिंदा कानून को लेकर पंजाब प्रांत के गवर्नर और उदारवादी राजनेता सलमान तासीर की हत्या कर दी. अब्दुल अजीज नाम के उस मौलवी का जिक्र है जो 2007 में इस्लामाबाद की लाल मस्जिद से छिपकर भाग गया था. पाकिस्तानी सेना ने चरमपंथियों के खिलाफ लाल मस्जिद पर अभियान छेड़ा था. विडिया के मुताबिक भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अब्दुल सलाम को हर कोई भूल चुका है. उन्होंने 1979 में शेल्डन ग्लाशो और स्टीवन वाइनबर्क के साथ नोबेल जीता लेकिन आम तौर पर ज्यादातर पाकिस्तानी इसे कबूल नहीं करते क्योंकि अब्दुल सलाम का संबंध अहमदिया संप्रदाय से है. पाकिस्तान समेत कई देशों में इस अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मुसलमान मानने से भी अकसर इनकार किया जाता है.
बेगैरत ब्रिगेड के विडियो में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भाई शहबाज शरीफ पर भी निशाना साधा गया है और उनके गंजेपन का मजाक उड़ाया गया है तो क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान को भी नहीं बख्शा गया है. उन्होंने चीफ जस्टिस इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी को भी लपेटे में लिया है.
विडियो का आलू अंडे नाम खास मकसद से रखा गया है. पाकिस्तान में आम तौर पर जब घर पर गोश्त नहीं होता है तो आलू अंडे बनाए जाते हैं. इसके जरिए देश में बढ़ती महंगाई पर तंज किया गया है.
गायक अपने विडियो में अलग अलग प्लेकार्ड भी दिखाते हैं. उनमें से एक पर लिखा है, "यह विडियो जायोनिस्टों की तरफ से प्रायोजित है." और आखिरी प्लेकार्ड कहते है, "अगर आप चाहते हो कि गोली मेरे सिर के पार हो जाए तो इस विडियो को पसंद कीजिए."
रिपोर्ट: एएफपी/ए कुमार
संपादन: वी कुमार