"पाकिस्तान अपनी कब्र खुद खोदने की ओर"
२७ जुलाई २०१०रॉयस अमेरिकी संसद में भारत और अमेरिकी भारतीयों के समूह के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा, "आईएसआई की अच्छे और बुरे तालिबान में अंतर करने की कोशिश बेकाबू हो जाएगी. हमेशा भारत की रट लगाकर पाकिस्तान अपनी कब्र खुद ही खोद रहा है."
विकीलीक्स वेबसाइट पर लीक खुफिया दस्तावेजों के बारे में रॉयस ने कहा, "मैं आईएसआई की विनाशकारी भूमिका के बारे में काफी समय से बोल रहा हूं. यह हेडलाइन तो मैंने पहले भी पढ़ी है." खुफिया दस्तावेजों से पता चलता है कि आईएसआई तालिबान और अल कायदा की बदस्तूर मदद कर रही है.
कई अमेरिकी सांसदों ने अफगानिस्तान युद्ध से जुड़े 92,000 गोपनीय दस्तावेज लीक होने की निंदा की है लेकिन आईएसआई और तालिबान के बीच सांठगांठ पर चिंता भी जताई है. सीनेट के सशस्त्र सेवा कमेटी के अध्यक्ष आइके स्केल्टन कहते हैं, "दस्तावेजों का लीक होना परेशानी तो खड़ी कर ही रहा है लेकिन यह उस तथ्य का समर्थन भी करता है जो मैं इतने साल से कह रहा हूं. अफग़ानिस्तान का युद्ध सही दिशा में नहीं जा रहा और हमें सफलता के लिए एक नई और सटीक नीति चाहिए." वहीं सीनेटर कार्ल लेविन कहते हैं, "लीक दस्तावेजों में से कुछ मेरे इस संदेह की पुष्टि करते हैं कि कुछ पाकिस्तानी अधिकारी अफगानिस्तान में घुसपैठ को सहयोग दे रहे हैं."
उधर अमेरिका ने कहा है कि जिसने भी ये दस्तावेज लीक किए हैं उसे ढूंढा जाएगा. साथ ही अमेरिकी रक्षा विभाग ने और दस्तावेज लीक होने की चेतावनी दी है. पेंटागन के प्रेस सचिव गेऑफ मोरेल ने कहा, "इस लीक के लिए कौन जिम्मेदार है, यह पता लगाने के लिए हम हर संभव कोशिश करेंगे. जब तक आप यह नहीं जानते कि कौन जिम्मेदार है, तब तक और सूचना लीक होने की आशंका बनी रहेगी. यह निश्चित तौर पर चिंता की बात है."
हालांकि अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने इन कागजात से खुली जानकारी का खंडन किया है. उनका कहना है कि यह बहुत ही प्राथमिक मूल्यांकन है, जो सेना की स्पष्ट चिंताओं की पुष्टि करता है.
मोरेल ने कहा, "जिस स्तर पर यह लीक हुआ है, यह खतरे की घंटी है. मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ नई जानकारी है."
लीक हुए दस्तावेज़ों में अमेरिकी अधिकारियों की शंका वाली रिपोर्ट है जो कहती है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी तालिबान को सहयोग कर रही है. विकीलीक्स नाम की वेबसाइट पर सोमवार को अफगानिस्तान युद्ध के बारे में 90 हजार से ज्यादा दस्तावेज लीक किए गए.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार