पाकिस्तान में फिर "मुसीबत" में टिक टॉक, लगा बैन
१२ मार्च २०२१टिक टॉक पर अश्लील सामग्री फैलाने का आरोप लगाते हुए पेशावर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद अदालत ने पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) को देश में टिक टॉक तक पहुंच को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था. गुरुवार को दूरसंचार प्राधिकरण ने इंटरनेट सर्विस कंपनियों को तत्काल रूप से टिक टॉक को देश में ब्लॉक करने को कहा.
बाइटडांस के स्वामित्व वाले इस प्लेटफॉर्म पर देश में सबसे पहले अक्टूबर, 2020 में प्रतिबंध लगाया गया था. उस वक्त टिक टॉक पर "अनैतिक' और "असभ्य" वीडियो को दिखाए जाने का आरोप लगा था. हालांकि सरकार ने महज दस दिनों के भीतर ही इस बैन को हटा लिया था. उस वक्त कंपनी ने "अश्लील और अनैतिक साम्री फैलाने" वाले खातों पर कार्रवाई का भरोसा दिया था.
पीटीए ने गुरुवार को देर रात अपने एक ट्वीट में कहा, "पेशावर हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पीटीए ने सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द टिक टॉक तक पहुंच को ब्लॉक कर दें." समाचार एजेंसी रॉयटर्स को पीटीए के प्रवक्ता खुर्रम मेहरान ने बताया, "अदालत ने पीटीए से टिक टॉक तक पहुंच को ब्लॉक करने को कहा है." उन्होंने कहा कि प्राधिकरण इस आदेश का पालन करेगा.
टिक टॉक का कहना है वह ऐप में सुरक्षित और सकारात्मक माहौल बनाए हुए है. कंपनी ने इस आदेश के बाद जारी बयान में कहा, "हम सामग्री का पता लगाने और समीक्षा करने के लिए प्रौद्योगिकियों और मॉडरेशन रणनीतियों को मिलाकर इस्तेमाल करते हैं, जो हमारी सेवा की शर्तों और सामुदायिक दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं हम उन वीडियो को हटाते हैं और अकाउंट को बैन करते हैं."
दुनिया के कई देशों में टिक टॉक काफी लोकप्रिय है, खासकर युवाओं के बीच. मंच का इस्तेमाल वीडियो और संगीत मिलाकर युवा अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने रखते हैं. लेकिन यह ऐप कई देशों में विवादों में भी घिरा रहता है, चीनी कंपनी होने के कारण सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को लेकर अधिकारी सवाल करते हैं और डाटा की गोपनीयता को लेकर भी चिंता बनी रहती है. पिछले साल चीन के साथ तनाव के बाद भारत ने भी कई चीनी ऐप को बैन कर दिया था जिसमें टिक टॉक भी शामिल था.
एए/सीके (रॉयटर्स)
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