पाकिस्तान में राहत पर यूएन की बैठक
१९ अगस्त २०१०तीन सप्ताह बीत चुके हैं, अब भी तस्वीर वैसी ही है. लाखों लोगों को मदद का इंतजार है. बारिश, चिलचिलाती गर्मी, हर तरफ फैला गंदा पानी, दवाइयों, खाने पीने की कमी. देश भर में अस्सी लाख लोगों को तुरंत राहत की जरूरत. कई जगहों पर अब भी लोग पानी से बचे घरों की छतों पर बैठे भूख प्यास के मारे हैं. घर बार, संपत्ति, खेती, नष्ट होने की हज़ारों कहानियां पेड़ के नीचे, राहत शिविरों में सड़कों के किनारे, गले गले तक के पानी में यहां वहां देखी जा सकती हैं. सोलह लाख हैक्टेयर खेती की जमीन डूब गई है.
अमेरिकी सिनेटर जॉन कैरी ने राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. अमेरिका, जर्मनी, सऊदी अरब ने राहत राशि बढ़ा दी है. जापान ने भी कहा है कि वह खाने पीने की चीज़ें बांटने के लिए हेलिकॉप्टर भेजेगा.
एशिया विकास बैंक ने आज कहा है कि वह सड़कों के निर्माण, बिजली सप्लाई, मूलभूत संरचना को फिर से खड़े करने के लिए दो अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता देगा. पाकिस्तान में दो करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. अब भी रुक रुक कर बारिश हो रही है. इस बीच बीमारियों का खतरा लगातार मंडरा रहा है.
जो लोग अपना सब कुछ खो चुके हैं उनकी रोज़ी रोटी का सवाल है. जमीन पर राहत काम तो शुरू हुआ है लेकिन यह काम आपदा की गति और आयाम से काफी धीमा है. जर्मनी ने अभी तक करीब चार लाख डॉलर की सहायता दी है. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज फिर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को फोन किया और अतिरिक्त मदद की पेशकश की. भारत पहले भी पाकिस्तान को 50 लाख डॉलर की सहायता देने की पेशकश कर चुका है जिसे लेने के लिए पाकिस्तान अब तक तैयार नहीं है.
उधर न्यूयॉर्क में आज राहत राशि बढ़ाने के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक हो रही है. संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया भर से राहत के लिए 46 करोड़ डॉलर की अपील की थी लेकिन अभी तक इसकी आधी रकम ही जमा हो पाई है. उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन अतिरिक्त अमेरिकी सहायता की घोषणा करेंगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादन: अशोक कुमार