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पोप जॉन पॉल द्वितीय 'धन्य' घोषित

१ मई २०११

पोप बेनेडिक्ट 16वें ने स्वर्गीय पोप जॉन पॉल द्वितीय को वेटिकन के सेंट पीटर्स स्क्वेयर में 'धन्य' घोषित किया. इस अवसर पर आयोजित समारोह में 10 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया.

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पोप जॉव पॉल द्वितीय को धन्य घोषित करते हुए पोप बेनेडिक्ट
पोप जॉन पॉल द्वितीय को धन्य घोषित करते हुए पोप बेनेडिक्टतस्वीर: AP

पोप बेनेडिक्ट ने पिछले पोप को धन्य घोषित करते हुए लाखों लोगों के सामने उनकी बड़ी तस्वीर पेश की जिसके बाद पूरे चौक में खुशी की लहर फैल गई. दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं ने झंडे फहराए और "सांतो सुबीतो" के नारे लगाने लगे. सांतो सुबीतो का अर्थ है, अब "अगली मंजिल है संत बनना." छह साल पहले पोप जॉन पॉल द्वितीय की शव यात्रा में भी लोगों ने यही नारा लगाया था.

पोप जॉन पॉल द्वितीय
पोप जॉन पॉल द्वितीयतस्वीर: AP

समारोह में विशेष मेहमान के तौर पर सिस्टर मारी सिमों नोरमां भी उपस्थित थी जिन्हें पोप जॉन पॉल के चमत्कार की वजह से पार्किन्संस बीमारी से राहत मिली. कुछ सालों पहले पोप की मौत के बाद सिस्टर मारी सिमों नोरमां पार्किन्संस बीमारी का शिकार हो गई थीं. यह वही बीमारी है जिसकी वजह से जॉन पॉल की मौत 2005 में हुई थी. नोरमां की बुरी हालत देख कर उनके साथ रह रही बाकी ननों ने पोप जॉन पॉल से प्रार्थना की जिसके बाद सिस्टर नोरमां अपने आप ठीक हो गईं. वेटिकन का मानना है कि यह चमत्कार पोप जॉन पॉल और भगवान के करीबी रिश्ते की वजह से हुआ. इसी वजह से उन्हें 'धन्य' घोषित करना संभव हुआ है. पॉप जॉन पॉल द्वितीय के पूरी तरह संत बनाने के लिए एक और चमत्कार की आवश्यकता है.

'श्रद्धा का जश्न'

लोगों को संबोधित करते हुए पोप बेनेडिक्ट ने कहा कि यह समारोह 'श्रद्धा का जश्न' है. वेटिकन ने एक बयान में कहा कि चर्च के इतिहास में पिछले 1,000 सालों से ऐसी घटना नहीं हुई है. सार्वजनिक प्रार्थना के बाद बेनेडिक्ट जॉन पॉल द्वितीय के ताबूत के सामने उनके प्रति सम्मान व्यक्त करेंगे. उसके बाद श्रद्धालुओं को उनके ताबूत के दर्शन का मौका दिया जाएगा. सोमवार को रोम में 15वीं शताब्दी के कलाकार माइकलैंजेलो द्वारा बनाई गई पियेता मूर्ति के नीचे जॉन पॉल के ताबूत को दोबारा रख दिया जाएगा. शुक्रवार को ताबूत को जमीन से बाहर निकाला गया और सेंट पीटर्स चर्च में रखा गया.

चर्च का नया चेहरा

जॉन पॉल द्वितीय 1978 में पोप बनाए गए. लगभग 400 साल के बाद वह पहले पोप थे, जो इटली नहीं बल्कि पोलैंड से थे. वह लगभग 27 साल पोप रहे. इस दौरान उन्होंने इस्लाम और यहूदी धर्म के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश की और कैथोलिक चर्च की गलतियों के लिए माफी मांगी. अपने कार्यकाल में उन्होंने कई देशों की यात्रा की और चर्च को एक नया चेहरा दिया.

1981 में पोप जॉन पॉल द्वितीय को जान से मारने की कोशिश की गई लेकिन वे बच गए. 2 अप्रैल 2005 में उनकी मौत पार्किंन्संस बीमारी से हुई. पोप जॉन पॉल द्वितीय की लोकप्रियता के बावजूद कई लोगों का मानना है कि उन्होंने कैथोलिक चर्च में यौन शोषण और संबंधित अपराधों के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. अमेरिका में 2000 में पहली बार चर्च में बाल यौन शोषण की बातें सामने आई थीं.

Seligsprechung von Papst Johannes Paul II
तस्वीर: AP

रविवार को हुए समारोह में जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे भी उपस्थित थे जिन्हें रोम तक आने के लिए यूरोपीय संघ से खास अनुमति लेनी पड़ी. मानवाधिकार हनन के चलते यूरोपीय संघ ने मुगाबे के यूरोप में आने पर प्रतिबंध लगाया है. पोप जॉन पॉल द्वितीय को धन्य घोषित किए जाने पर इतालवी प्रधानमंत्री सिल्वियो बैर्लुस्कोनी ने भी खुशी जताई और वेटिकन को बधाइयां भेजीं. हालांकि इटली के विपक्ष ने सेक्स स्कैंडल से घिरे बैर्लुस्कोनी के इस भाव पर आपत्ति जताई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार