फिक्सिंग के दोषियों पर लगे उम्र भर का बैनः वॉर्न
२ सितम्बर २०१०शेन वॉर्न का कहना है, "अगर यह सच है और वे स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें क्रिकेट से बाहर कर दिया जाना चाहिए. और कोई तरीका हो ही नहीं सकता."
उधर फिक्सिंग के संगीन आरोपों में घिरे पाकिस्तान के कप्तान सलमान बट्ट, गेंदबाज मोहम्मद आमेर और मोहम्मद आसिफ को गुरुवार को लंदन में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायुक्त से मिलना है. ब्रिटिश अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ने दावा किया है कि इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच जारी टेस्ट मैचों की श्रृंखला में इन पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने फिक्सिंग की है.
ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर शेन वॉर्न का कहना है, "अगर खिलाड़ियों ने यह फिक्सिंग की है, तो उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए."
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने इस मामले में तुरंत और ठोस कदम उठाने का वादा किया है. इस सारे स्कैंडल के केंद्र में रहे मज़हर मजीद नाम के व्यक्ति का दावा है कि उसने जनवरी में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच हुए टेस्ट मैच को फिक्स करके 13 लाख डॉलर कमाए.
शेन वॉर्न ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की इस सीरीज में कमेंटेटर थे. पाकिस्तान की खराब फील्डिंग और बैंटिग के कारण ऑस्ट्रेलिया यह सीरीज आसानी से जीत गया. वॉर्न कहते हैं, "अभी फिक्सिंग के आरोप ही हैं और जब तक आरोप साबित नहीं होते वे गुनहगार नहीं. लेकिन सिडनी टेस्ट पर फिर से नजर डालें. अगर यह फिक्स हुआ था तो आप समझ सकते हैं कि किस तरह से फिक्स हुआ होगा."
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट ने 1998 में गेंदबाज और बल्लेबाज मार्क वॉ पर जुर्माना लगाया था क्योंकि उन्होंने चार साल पहले श्रीलंका दौरे के बारे में जानकारी एक भारतीय सट्टेबाज़ को दी थी.
उधर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान ने कहा है कि स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों में घिरे क्रिकेटरों पर अगर आरोप साबित होता है तो वह आजीवन पाबंदी लगाए जाने के पक्ष में नहीं हैं. सीमित प्रतिबंध और भारी भरकम जुर्माने की मांग. इमरान खान का मानना है कि सिर्फ कुछ खिलाड़ियों की आपराधिक गतिविधियों के लिए पूरी टीम पर प्रतिबंध लगा देना सही नहीं है. "मुझे लगता है कि इस मामले में आईसीसी अपना फैसला लेने जा रही है. ऐसा संदेश दिया जाना चाहिए कि अपराध करने से किसी को फायदा नहीं होता. स्पॉट फिक्सिंग के मामले में, नो बॉल फेंके जाने के लिए उन पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए. आजीवन प्रतिबंध के बजाए उनकी जेब ढीली की जानी चाहिए. इस मामले में एक उदाहरण दिया जाना चाहिए और जुर्माना जबरदस्त होना चाहिए."
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार