फेसबुक की मदद ले रही है दिल्ली पुलिस
१६ अगस्त २०१०ज़िन्दगी की होड़ में, दिल्ली की सड़कों पर तेज रफ्तार से गाड़ियों भगाते लोग लोग अक्सर न तो ट्रैफिक सिग्नल की लाल बत्ती की परवाह करते हैं, न ही ज्रेब्रा क्रॉस्सिंग पर पैदल चलने वालों की जान की. आए दिन ब्लू लाइन बस या ट्रक की चपेट में आए लोगों का खून सड़कों पर बहता है. अवैध पार्किंग की वजह से भी राजधानी की चौड़ी सड़कें कम तंगहाल दिखाई पड़ती हैं. ऐसे में क्या माना जाए, कि दिल्ली दिल वालों की है या दूसरों की बिलकुल परवाह ना करने वालों.
लेकिन अब ऐसे ही चालकों को लगाम देने की नई मुहिम छेड़ी है दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने. वचह भी फेसबुक के जरिए. पुलिस सीधे फेसबुक के जरिए लोगों से जुड़ी है और नियम तोड़ने वालों को सबक सिखा रही है. दिल्ली पुलिस ट्रैफिक के ज्वाइंट सीपी सत्येंद्र गर्ग कहते हैं, ''दो महीने पहले फेसबुक का आईडिया आया और आज 20,000 से भी ज्यादा लोग हमसे जुड़ गए हैं.'' अगर कहीं अचानक कोई गाड़ी ख़राब हो जाए या फिर बारिश के कारण ट्रैफिक हल्का चले और जाम लग जाए तो लोगों को उसकी सूचना दी जा सकती है. उस सड़क पर जाने वाले लोगों को दूसरे रास्तों की जानकारी देकर परेशानी से बचाया जा सकता है. गर्ग कहते हैं, ''मुझे ख़ुशी है की हमारा यह प्रयास काफी सफल हुआ है और लोग इसका फायदा उठा रहे हैं.''
दिल्ली पुलिस की इस पहल को आम जनता ने खूब सराहा है. नई दिल्ली वाएएमसीए में बतौर सिस्टम्स मैनेजर कार्यरत, विजय मिल्टन अक्सर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के फेसबुक पेज पर शहर के ट्रैफिक का हाल देखकर घर से निकलते हैं. वह कहते हैं, ''मैंने कई दफा मोबाइल फोन में पुलिस का फेसबुक पेज देखकर भी अपना रास्ता बदला है और अपने काम पर समय से पहुंचा हूं. पुलिस का प्रयास सराहनीय है.''
यह फेसबुक आम आदमी को सिटिज़न पुलिसमैन बनने का मौका भी देती है. अगर आप किसी कार या स्कूटर को गलत तरीके से पार्क किया हुआ देखें, या ट्रैफिक का कोई और कानून तोड़ते देखें, तो अपने मोबाइल फ़ोन से भी फोटो खेंच कर इस पेज पर भेज सकते हैं. और यकीन मानिए, ट्रैफिक पुलिस कानून तोड़ने वाले के खिलाफ जल्द एक्शन लेगी. ज्वाइंट सीपी, ट्रैफिक के अनुसार, मज़े की बात यह है की ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी भी इस फेसबुक मुहिक का शिकार हो चुके हैं. वह कहते हैं``हमने यातायात के नियम तोड़ने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की है. हमने ऐसे कई कर्मचारियों को ट्रैफिक से हटाया भी है.''
इस मुहिम से खुश गर्ग और उनकी टीम अब तैयार है दिल्ली में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए. गर्ग के अनुसार गेम्स के दिनों में लोगों को फेसबुक के आलावा मोबाइल फोन पर मुफ्त एसएमएस के जरिए भी ट्रैफिक की स्थिथि के बारे में बताया जाएगा.
गर्ग के निजी फेसबुक पेज पर करीब 200 दोस्त हैं जो बराबर उनसे संपर्क में रहते हैं और गर्ग भी उनकी ट्रैफिक संबंधी समस्या को सुलझाने के लिए हमेशा तैयार है. पुलिस की इस चुस्ती पर लोग हैरान हैं लेकिन हैरानी खुशी से भरी हुई है.