फेसबुक पर खफा जर्मन मंत्री
१८ अक्टूबर २०१०एक जर्मन अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि फेसबुक पर मौजूद लोगों के संपर्क और पते की जानकारी को कोई गैरसदस्य भी हासिल कर सकता है. फेसबुक के नए सदस्यों को अपना ईमेल का पता भरना होता है. अगर फेसबुक के किसी सदस्य का ईमेल पता मिल जाए तो उससे जुड़ी बहुत सी जानकारी फेसबुक के जरिए मिल जाती हैं. ये जानकारी बिना सुरक्षा सवाल पूछे ही सामने आ जाती हैं. इनमें सैकड़ों लोगों के नाम पते और उन्हें संपर्क करने का तरीका शामिल है.
जर्मनी के उपभोक्ता मामलों के मंत्री इल्ज़े आईग्नर ने फेसबुक पर कई संदिग्ध हरकतों में शामिल होने का आरोप लगाया है. आइग्नर का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था से पता चलता है कि फेसबुक की नजर में लोगों की निजी जानकारी का कोई मोल नहीं है.
उधर न्यायिक मामलों के मंत्री सबीन लायथायसर ने भी फेसबुक की आलोचना करते हुए अखबार से कहा," इस साइट में लोगों की निजी जानकारियों को ठीक से संभालने का इंतजाम नहीं है."
हाल ही में फेसबुक 50 करोड़ सदस्यों वाली दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट बन गया है. हालांकि निजी जानकारियों को छुपा कर नहीं रखने के कारण इसकी आलोचना भी पिछले कुछ महीनों से लगातार हो रही है. फेसबुक से जुड़ी रैंडी जु़करबर्ग ने दुबई के एक फोरम में पत्रकारों से कहा कि लोगों की निजी जानकारी कंपनी की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है. कंपनी लगातार ऐसी कोशिश में जुटी है कि निजी जानकारी निजी ही रहें. साथ ही उन्हें किन लोगों के साथ बांटना है इसका नियंत्रण भी लोगों के पास ही हो.
इटरनेट पर निजी जानकारियों का मामला जर्मनी के लिए खासा विवादित रहा है. इसी वजह से गूगल की इंटरनेट स्ट्रीट व्यू सर्विस को भी शुरू करने में देरी आ रही है. गूगल उन लोगों की आपत्तियों का इंतजार कर रहा है जो अपना घर इस सर्विस के दायरे में नहीं लाना चाहते.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः एम जी