फ्रांस में आतंक
व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो पर आतंकी हमले से पूरा देश हैरान था. तीन दिनों तक पूरा देश सांस थामे हमलावरों के पता चलने का इंतजार करता रहा. मृतकों के परिजन शोक मना रहे हैं तो हफ्ते भर बाद शार्ली एब्दो का नया अंक आया.
अंतिम स्केच
7 जनवरी, बुधवार के दिन 11:28 मिनट पर शार्ली एब्दॉ के संपादक ने अंतिम ट्वीट किया, आईएस के नेता अल बगदादी का कार्टून. कार्टून पर लिखा है, शुभकामनाएं और सबसे बढ़कर स्वास्थ्य. यह कार्टून फिलिप ओनोरे ने बनाया था. कुछ ही मिनटों बाद उनकी हत्या कर दी गई.
शार्ली एब्दॉ पर हमला
करीब साढ़े ग्यारह बजे शार्ली एब्दॉ के संपादकमंडल की बैठक हो रही थी. दो हथियारबंद नकाबपोश हमलावर कमरे में घुसे और 9 पत्रकारों को गोलियों से भून डाला. उनमें मुख्य संपादक स्टेफान चार्बोनिए भी थे. हमलावरों ने इमारत में घुसते समय मकान के केयरटेकर को भी मार डाला था.
हमलावर भागे
शार्ली एब्दॉ पर हमला कुछ मिनटों तक ही चला. भागते हुए हमलावरों का सामना एक पुलिसकर्मी अहमद मेराबेत से हुआ. अपनी गाड़ी में बैठने से पहले उन्होंने पुलिस कर्मी को भी मार डाला. एक व्यक्ति ने इस हत्या की वीडियोरिकॉर्डिंग की. उसके बाद हमलावर भाग गए.
शोक में पूरा देश
हमले का पता चलने के बाद इंटरनेट में मृतकों के साथ सहानुभूति की लहर फैल गई. हैशटैग जे सुई शार्ली (मैं शार्ली हूं) का जन्म हुआ. यह ट्विटर के इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हुआ हैश टैग बन गया है. शाम को सैकड़ों लोग मृतकों को श्रद्धांजलि देने जमा हुए.
पूरी दुनिया शार्ली
पूरी दुनिया में लाखों लोगों ने जे सुई शार्ली का बैनर लेकर अभिव्यक्ति की आजादी के लिए प्रदर्शन किया. बहुत से लोगों ने प्रेस की आजादी के समर्थन में हाथों में पेंसिलें ले रखी थीं. इस बीच पुलिस से भाग रहे हमलावरों की तस्वीरें जारी की गईं. शरीफ और सईद कुआची हत्याओं के लिए जिम्मेदार थे.
प्रेस की आजादी पर हमला
पूरी दुनिया के पत्रकारों ने भी व्यंग्य पत्रिका के कार्टूनिस्टों और संपादकों के साथ सहानुभूति दिखाई. मामला जर्मनी के मीडिया में भी सुर्खियों में रहा. जर्मन पत्रकारों की राय थी कि आतंकवादियों की धमकी के आगे नहीं झुका जाएगा. फ्रांस में मीडिया दफ्तरों की सुरक्षा बढ़ी.
कोई अंत नहीं
शार्ली एब्दॉ के दफ्तर पर हुए हमले के एक दिन बाद 8 जनवरी को एक हथियारबंद शख्स ने पेरिस के दक्षिण में एक महिला पुलिसकर्मी की हत्या कर दी. एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गया. हत्यारा भागने में कामयाब रहा. उस समय यह पता नहीं था कि क्या उसका शार्ली एब्दॉ पर हमले में कोई हाथ है.
हत्यारे अभी भी फरार
शार्ली एब्दॉ के संदिग्ध हत्यारों ने गुरुवार को उत्तरी फ्रांस में एक पेट्रोल पंप पर हमला किया. वहां से उन्होंने अपनी गाड़ी के लिए पेट्रोल और खाने पीने का सामान चुराया. खबर आई कि गोलियां भी चलीं. लेकिन उसके बाद दोनों हत्यारे फिर भाग गए. पुलिस उन्हें खोजती रही.
मुस्लिम संस्थानों पर हमले
शार्ली एब्दॉ पर हुए हमले से कुछ फ्रांसीसियों का गुस्सा कुछ हद तक हिंसक रूप में सामने आया. पूर्वी फ्रांस में एक मस्जिद के पास स्थित कबाब की दुकान में धमाका हुआ. पश्चिमोत्तर फ्रांस में एक मस्जिद पर गोलियां चलाई गईं. हमलों में कोई घायल नहीं हुआ. सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाए गए.
घर घर में तलाशी
इस बीच हमलावरों की खोज जारी रही. सरकार ने उत्तरी फ्रांस में आतंकवाद के खिलाफ चेतावनी बढ़ा दी. हत्यारों को खोजने में करीब 88,000 सुरक्षाकर्मी तैनात थे. शाम को उन्होंने कई गांवों की तलाशी ली. लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा. रात 10 बजे तलाशी रोक दी गई.
तलाशी जारी
9 जनवरी को हत्यारों का संकेत मिला. उन्होंने एक महिला की गाड़ी लूट ली थी. पुलिस को जब दोनों भाई मिले तो गोलीबारी हुई. हमलावरों में शामिल दोनों कुआची भाई भागकर पेरिस के उत्तर में चार्ल्स द गॉल हवाई अड्डे के पास एक कारखाने में जा छुपे.
पेरिस में बंधक
फिर एक हमले की खबर आई. पूर्वी पेरिस में गोलियां चलीं. एक हथियारबंद हमलावर ने एक यहूदी सुपर बाजार पर धावा बोला और लोगों को बंधक बना लिया. अपहरणकर्ता चिल्लाया, "तुम्हें पता है मैं कौन हूं." जल्द ही साफ हो गया वह अमेदी कूलीबाली था, एक दिन पहले मारी गई पुलिसकर्मी का हत्यारा.
प्रिंटिग हाउस में छुपे
दोनों संदिग्ध हत्यारे एक प्रिटिंग हाउस में छुप गए और वहां उन्होंने एक बंधक बनाया, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया. एक दूसरा कर्मचारी तहखाने में छुप गया और पुलिस को हत्यारों के बारे में सूचना दी. शाम पांच बजे दोनों भाई गोलियां चलाते इमारत से बाहर निकले और पुलिस की गोलियों से मारे गए.
पेरिस में चार मौतें
उसी समय पुलिस ने यहूदी सुपर बाजार पर छापा मारा. अपहरणकर्ता मारा गया. इसके पहले उसने अपने चार बंधकों को मार डाला था. उसकी गर्लफ्रेंड पर बंधक कांड में उसकी मदद करने का आरोप है. तुर्की के अधिकारियों के अनुसार 26 वर्षीया हयात बूमेदीन भागकर सीरिया चली गई है.
मृतकों की याद
शाम को और उसके अगले दिन लाखों लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने इसे राष्ट्र के लिए त्रासदी बताया. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और दूसरे प्रमुख राजनेताओं ने रविवार को पेरिस में एकजुटता रैली में हिस्सा लिया.