बंगाल में पर्यटन
पश्चिम बंगाल भारत के अहम पर्यटन केंद्रों में शामिल है. बंगाल की सरकार विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत ढांचों में सुधार कर रही है.
टॉय ट्रेन
हिमालय की तलचटी में 2045 मीटर की ऊंचाई पर बसे दार्जिंलिंग का एक आकर्षण नैरो गेज रेल भी है. पर्यटक इसकी सवारी का आनंद लेने दार्जिलिंग जाते हैं.
चाय बागान
दार्जिलिंग पूर्वी हिमालय रेंज का हिस्सा है. आल्पीन जंगलों वाला यह इलाका अपने मशहूर चाय के बागानों के लिए भी जाना जाता है. दार्जिलिंग चाय पश्चिमी देशों में भी बहुत लोकप्रिय है.
रेल रोड का साथ
रोड के साथ साथ चलती रेलगाड़ी. दार्जिलिंग जाते हुए रेल और रोड का खेल चलता रहता है. सैलानी कभी ट्रेन पर होते हैं तो कभी नीचे उतरकर तस्वीर खींचते हैं.
पहाड़ी वादियां
दार्जिंलिंग शहर से कंचनजंगा पहाड़ों की चोटियां देखी जा सकती हैं. यहां केवेंटर रेस्तरां से धुंध में लिपटे पहाड़ी शहर दार्जिलिंग का नजारा.
संग्रहालय
कलिम्पोंग के निकट मुंगपो में स्थित इस घर में महाकवि रबींद्रनाथ टैगोर अक्सर ठहरा करते थे. अब यहां उनी यादगार चीजों से बना संग्रहालय है.
मिशनरी स्कूल
कलिम्पोंग का प्रसिद्ध जेसुइट मिशनरी स्कूल. यहां 300 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. उनमें से अधिकतर गरीब परिवारों से आते हैं.
बंगाल टाइगर
सुंदरबन का इलाका अपने बंगाल टाइगर्स के लिए मशहूर है. ताजा जनगणना के अनुसार भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है.
आकर्षक शहर
बंगाल की राजधानी कोलकाता भी अपनी लंबी सांस्कृतिक विरासत के कारण हर मौसम में यात्रा के लायक है. क्रिसमस के समय सड़कों पर जगमगाती रोशनी.
भव्य पंडाल
कोलकाता अपने रंगारंग दशहरा के लिए भी जाना जाता है. दुर्गा पूजा के मौके पर सुंदर मूर्तियों के अलावा सारे शहर में ढेर सारे भव्य पंडाल भी बनाए जाते हैं.
सुंदर तालाब
अंग्रेजों की पहली राजधानी रहा कोलकाता अपने अत्यंत खूबसूरत तालाबों के लिए भी जाना जाता है.