बढ़ती धूप से बढ़ा चिली में स्किन कैंसर
२७ जनवरी २०१२चिली में नौजवानों के लिए बढ़ते खतरे को देखते हुए कई ऐसे उपकरण बाजार में आ रहे हैं जिनमें छोटी लाइटें लगी हैं और जो खतरनाक अल्ट्रावॉयलेट किरणों का संकेत देती हैं. चिली की राजधानी सांतियागो में एक मजदूर ने हाल ही में सीटी बजाई और अपने साथ काम कर रहे मजदूरों को काम रोकने के आदेश दिए. इसके बाद सारे मजदूरों ने अपनी त्वचा की रक्षा के लिए सनस्क्रीन क्रीम लगाया और उसके बाद ही उन्हें दोबारा काम पर जाने दिया गया.
चिली के उत्तरी हिस्से में ओजोन की पतली हो रही परत के कारण सूरज की किरणें बहुत तेज रहती हैं. देश के कानून के मुताबिक उद्योगपतियों और कंपनियों के मालिकों को रोजाना अपने मजदूरों को दिन में पराबैंगनी किरणों के स्तर की जानकारी देनी होती है. साथ ही मजदूरों के लिए खास कपड़े भी बनवाए जाते हैं और उन्हें धूप के चश्मे, सनस्क्रीन और टोपियां दी जाती हैं.
फैक्ट्री के दरवाजे पर आम तौर पर एक नोटिस लगा रहता है जिसमें अल्ट्रावॉयलेट किरणों के बारे में जानकारी होती है. अल्ट्रावॉयलेट किरणों से खतरे की जांच कर रहे जोनाथन फेर्नांदेस कहते हैं, "सबसे जरूरी है मजदूरों के बीच जागरूकता पैदा करना और इस भ्रम को खत्म करना कि सनस्क्रीन सिर्फ उन महिलाओं के लिए है जो बीच पर जा कर धूप सेंकती हैं."
फेर्नांदेस के मुताबिक शोध से पता चला है कि 18 साल के युवा के शरीर में पराबैंगनी विकिरण की मात्रा एक 60 साल के आदमी जितनी है. उनका कहना है कि ज्यादातर लोगों को नहीं पता है कि उनके शरीर के साथ यह हो रहा है.
दक्षिणी ध्रुव के पास होने की वजह से चिली में दिसंबर और जनवरी के महीनों में धूप बहुत तेज होती है. इस साल विकिरण की मात्रा 2008 के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा है. सांतियागो विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे अर्नेस्तो ग्राम्श का कहना है कि ओजोन की परत में एक प्रतिशत की कमी होने से विकिरण ज्यादा हो गई है. जहां ओजोन की परत धूप की पराबैंगनी किरणों को धरती पर आने से रोकने में मदद करती है, वहीं बढ़ता प्रदूषण इस सुरक्षा कवच को पतला करता जा रहा है. 2009 में 213 नागरिक त्वचा की कैंसर का शिकार बने.
अर्नेस्तो ग्राम्श अब चिली में पराबैंगनी किरणों को मापने वाले यंत्र बना रहे हैं. सोलमाफोरोस नाम के यह उपकरण अल्ट्रावॉयलेट रोशनी के बढ़ने से ट्रैफिक सिग्नल की तरह चमकने लगते हैं. जब विकिरण की मात्रा कम होती है, तो यंत्र में हरी बत्ती जलती है, जब खतरा 'मीडियम' होता है तो पीली बत्ती जलने लगती है. खतरा अधिक होने पर लाल और बहुत खतरनाक स्तर पर विकिरण भांपती मशीन में बैंगनी बत्ती जलने लगती है. ग्राम्श का यह यंत्र चिली में काफी लोकप्रिय हो गया है और अब लोग इन्हें सार्वजनिक जगहों पर लगा रहे हैं. स्पेन, कोलंबिया, पेरू और मेक्सिको में भी लोग इनका इस्तेमाल कर रहे हैं.
रिपोर्टः एएफपी/एम गोपालकृष्णन
संपादनः महेश झा