बर्बाद हो गया लेकिन झुका नहीं मारियोपोल
युक्रेन पर रूस के हमले का दर्द शायद सबसे ज्यादा अब तक मारियोपोल ने झेला है. नागरिकों पर बढ़ते हमले और भारी तबाही के बाद भी शहरवासियों ने घुटने नहीं टेके हैं. यूक्रेन की सरकार ने भी मारियोपोल सौंपने से इनकार कर दिया है.
मारियोपोल से पलायन
पिछले हफ्ते में तबाह हो चुके मारियोपोल से हर दिन दसियों हजार लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं. जंग शुरू होने के बाद से ही रणनीतिक लिहाज से अहम दक्षिणी तटवर्ती शहर बमों और मिसाइलों की मार सह रहा है. बहुत से हमले आम नागरिकों पर हुए हैं. रूस की तरफ से जारी आंकड़े बता रहे हैं कि करीब 440,000 की आबादी वाले शहर के 130,000 लोग अब भी शहर में हैं.
मलबा बन गया मारियोपोल
करीब चार हफ्ते से मिसाइलों और बमों की मार ने शहर को रहने लायक नहीं छोड़ा है. शहर प्रशासन के मुताबिक 80 फीसदी अपार्टमेंट ध्वस्त हो चुके हैं. शहर की जो तस्वीरें आ रही हैं उनमें हर तरफ ध्वस्त इमारतें ही नजर आ रही हैं जैसा कि ऊपर की तस्वीर में. हर तरफ टूटी इमारतों का मलबा ही दिखता है.
रूस के 'युद्ध अपराध'
यूक्रेन के नागरिकों पर रूस के हमलों के बाद पश्चिमी देशों के कई राजनेता 'युद्ध अपराध' की बात कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत के अभियोजकों ने भी जांच करने की बात कही है. जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक, यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के राजदूत जोसेप बोरेल ने भी यह मुद्दा उठाया है. बोरेल का तो कहना है कि रूस जंग के नियमों की परवाह किए बगैर यूक्रेन को तबाह कर रहा है.
रणनीतिक ठिकानों पर हमले का रूसी दावा
रूस का दावा है कि उसने केवल रणनीतिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है. मारियोपोल थिएटर पर बमबारी के लिए भी उसने यूक्रेनी मिलिशिया अजोव बटालियन को जिम्मेदार ठहराया है. इस थियेटर के नीचे बने बंकर में हजारों लोग रूसी हवाई हमले से बचने के लिए छिपे हुए थे. तस्वीर में हमले के बाद ध्वस्त हुए थिएटर का मलबा नजर आ रहा है.
भागने के रास्तों पर रूसी नियंत्रण
पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्स्क और आस पास के इलाकों पर रूस समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण है और यही लोग मारियोपोल से भागने के रास्तों पर भी निगरानी रख रहे हैं. शहर पर कई हफ्तों से रूसी सैनिकों की घेराबंदी है और केवल निहत्थे नागरिकों को ही यहां से बाहर निकलने दिया जा रहा है.
दुश्मन देश में भाग कर पहुंचे
यह तस्वीर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने जारी की है. इसमें दावा किया गया है कि ये वो लोग हैं जो मारियोपोल से भाग कर रूसी कब्जे वाले दोनेत्स्क के अस्थायी शिविरों में पहुंचे हैं. रूस का कहना है कि वह यूक्रेनी शरणार्थियों को सुरक्षा देना चाहता है. मारियोपोल की नगर परिषद का कहना है कि अलगाववादी हजारों यूक्रेनी लोगों को बंधक बना कर रूस ले जा रहे हैं और रूस ऐसा होने दे रहा है.
जापोरिझिया में घायलों का इलाज
मारियोपोल से भाग कर आए बहुत से लोगों का इलाज जापोरिझिया में हो रहा है. मारियोपोल में अस्पतालों पर हुए बमबारी के बाद आपातकालीन इलाज की सेवा लगभग असंभव हो गई है. दो हफ्ते पहले जापोरिझिया में यूरोप के सबसे बड़े परमाणु बिजली घर के पास मिसाइल हमले ने दुनिया को चिंता में डाल दिया था. हालांकि इसे अगर छोड़ दें तो 7.5 लाख की आबादी वाला यह शहर लड़ाई से मोटे तौर पर दूर ही है.
अपनों तक सुरक्षित पहुंचने की कोशिश
मारियोपोल से भाग कर पश्चिमी यूक्रेन के लवीव में अपनी मां की बांहों तक पहुंची किशोरी. रूसी सेना लवीव पर भी हमले कर रही है. मारियोपोल से भाग कर आने वाले बहुत से शरणार्थियों के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों तक पहुंचने से पहले लवीव आखिरी पड़ाव बन गया है.
कई शहरों से में जल रही है इमारतें
मारियोपोल अकेला शहर नहीं है जो रूसी हमले के बाद धूल में मिल गया है. उत्तरी और पूर्वी यूक्रेन में रॉकेट और टैंकों के गोले लगातार सुमी, खारकीव और राजधानी कीव जैसे प्रमुख शहरों को निशाना बना रहे हैं. यह तस्वीर कीव के शॉपिंग मॉल की है जो रूसी हमले का निशाना बना है.
मारियोपोल को सौंपने से इनकार
रविवार को रूस ने यूक्रेन को चेतावनी दी थी कि वह सोमवार दोपहर से पहले मारियोपोल को उसके हवाले कर दे. यूक्रेन ने यह मांग मानने से इनकार कर दिया. हजारों आम लोग एक बार फिर शहर छोड़ कर चल दिए. यूक्रेन का कहना है कि इन लोगों के बाहर जाने और शहर तक सहायता पहुंचाने के रास्तों पर भी लगातार हमले हो रहे हैं. रूसी अलगाववादी नेता डेनिश पुश्लिन का कहना है कि मारियोपोल की लड़ाई अभी कई हफ्ते और चल सकती है.