बांग्लादेश में सड़कों पर उतरे छात्र
सड़क दुर्घटना में दो छात्रों की जान जाने के बाद बांग्लादेश में हजारों की संख्या में छात्र आंदोलन कर रहे हैं. वे बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक के नियम ना मानने वालों के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं.
छात्रों में गुस्सा
29 जुलाई को राजधानी ढाका में एक बस द्वारा दो छात्रों के कुचले जाने की घटना के बाद से देश भर में गुस्सा है. इसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए छात्र सड़कों पर उतरे हैं. कई छात्रों ने तो खुद ट्रैफिक पुलिस के रूप में सड़कों पर काम संभाला.
छात्रों की मांगें
प्रदर्शन कर रहे छात्र चाहते हैं कि देश में ट्रैफिक से जुड़े कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए. वे परिवहन क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं. छात्रों की मांग है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि देश की सड़कें नागरिकों के लिए सुरक्षित हों.
स्कूल और कॉलेज बंद
छात्र आंदोलन के कारण शिक्षा मंत्रालय को स्कूल और कॉलेज बंद करने का फैसला लेना पड़ा. सरकार ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर गौर किया जाएगा. लेकिन इससे छात्रों का रोष खत्म नहीं हुआ है. वे लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों के लिए मौत की सजा की मांग कर रहे हैं.
न्याय की पुकार
सरकार के अपील करने के बाद भी छात्रों ने प्रदर्शन बंद नहीं किए हैं. बरसात के बावजूद वे सड़कों पर डटे रहे. बांग्लादेश की राजधानी ढाका की सड़कों पर ऐसे नजारे देखने को मिले. कॉलेज और यूनिवर्सिटी के अलावा स्कूल के छात्रों ने भी इसमें हिस्सा लिया और "वी वॉन्ट जस्टिस" के नारे लगाए.
हिंसा भी
कुछ जगहों से हिंसा की खबरे भी आई हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज करते देखा जा सकता है. सरकार के अनुसार 300 से ज्यादा वाहनों के साथ तोड़ फोड़ की गई है.
सुरक्षा जरूरी
छात्रों का कहना है कि जहां सरकार एक तरफ देश को डिजिटाइज करने में लगी हैं, वहीं सड़कों पर सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है. उनके अनुसार देश को इंटरनेट की सुविधा से ज्यादा सड़कों पर बेहतर नियमों की जरूरत है.
बसों पर असर
छात्र भले ही आम लोगों की बेहतरी के लिए प्रदर्शन कर रहे हों लेकिन इससे असुविधा भी हो रही है. बस ऑपरेटरों ने देश भर में सेवाएं रोकीं और सरकार से छात्रों से की मांग की है.