बाघिन को मारने के लिए घूम रहे रेंजर
१३ अक्टूबर २०१७महाराष्ट्र के ब्रह्मपुरी इलाके में दो लोगों को मारने और चार लोगों को गंभीर रूप से घायल करने के बाद दो साल की मादा बाघ को पकड़ा गया था. बाद में उसे महाराष्ट्र के बोर वन्यजीव अभ्यारण्य में छोड़ दिया गया था. लेकिन मादा बाघ फिर लौट आयी और उसने दो अन्य लोगों की जान ले ली. हालिया मामले में इस बाघिन ने एक महिला पर हमला किया जिसकी पिछले हफ्ते मौत हो गयी.
बोर की सीमा से नजदीक मध्यप्रदेश के पेंच नेशनल पार्क के निदेशक ऋषिकेश रंजन ने बताया कि कोर्ट ने काला नाम की इस बाघिन को गोली मारने के आदेश दे दिये हैं. उन्होंने कहा, "काला ने चार लोगों को मार दिया और चार लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया. हम उसे गोली मार सकते हैं, लेकिन हम चाहेंगे कि हम उसे पकड़ कर बेहोश कर सकें."
उन्होंने कहा कि अधिकारी जीपीएस के जरिए बाघिन पर नजर रखे हुए हैं और उसे जल्दी से जल्दी पकड़ लेना चाहते हैं क्योंकि उसने गांव के लोगों में डर का माहौल बनाया हुआ है. ऋषिकेश ने बताया, "पिछले हमले में उसने महिला की हत्या कर उसका आधे से ज्यादा शव खा लिया था."
जंगलों के सिमटने के कारण जंगली जीवों का इंसानों से टकराव बढ़ रहा है. बाघ आमतौर पर इंसानों पर हमला नहीं करते. लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि एक बार हमला करने के बाद उन्हें इंसानी मांस के स्वाद की आदत लग सकती है. 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया के आधे से ज्यादा बाघ भारत में हैं. यह संख्या लगभग 2,226 है.
हर साल दर्जनों बाघों की मौत शिकारियों के हाथों हो जाती है. इसके अलावा इंसानों और जानवरों के बीच टकराव की वजह से भी कई बाघों समेत अन्य जानवरों की मौत हो जाती है. वन्यजीव कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसी स्थिति तब पैदा होती है जब इंसान जानवरों के दायरे में दखल देते हैं.
बीते साल अक्टूबर माह में वन विभाग के एक गार्ड को एक नरभक्षी बाघ को गोली मारनी पड़ी थी. उस बाघ ने भी उत्तराखंड के जिम कॉरबेट पार्क के नजदीक के गांव के 3 लोगों को मार दिया था.
एसएस/एके (एएफपी)