बार बार ढहती बांग्लादेश की इमारतें
विनाशकारी आग और इमारतों का ढहना बांग्लादेश में काफी आम हो चला है. यहां इमारतों के लिए सुरक्षा नियम अक्सर ठीक से लागू नहीं किए जाते हैं. एक नजर हाल के दशकों में हुई ऐसी सबसे बड़ी त्रासदियों पर.
निमटोली विस्फोट, 2010
3 जून 2010 को ढाका के सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में से एक में बिजली का ट्रांसफॉर्मर फटने से आग लग गई. बांग्लादेश के सबसे घातक औद्योगिक विस्फोट में 117 लोग मारे गए. निमटोली जिले में कई मल्टीस्टोरी इमारतें और दुकानें आग की लपटों में घिर गई थीं.
अशुलिया गारमेंट फैक्ट्री की आग, 2012
24 नवंबर, 2012 को ढाका के बाहरी इलाके में नौ-मंजिला ताजरीन फैशन फैक्ट्री में आग लगने से कम से कम 112 मजदूरों की मौत हो गई थी. बाद में एक जांच में पाया गया कि यह आगजनी की वजह से हुआ था और अशुलिया जिला प्लांट के प्रबंधकों ने दरवाजे पर ताला लगा दिया था ताकि पीड़ित बाहर ना निकल सकें. यहां पर एक सैनिक जली हुई सिलाई मशीनों के एक कमरे का निरीक्षण करता दिख रहा है.
राना प्लाजा हादसा, 2013
24 अप्रैल 2013 को राजधानी ढाका में नौ मंजिला राना प्लाजा में लगी आग को दुनिया के सबसे खराब औद्योगिक हादसों में से एक माना जाता है. कपड़ा फैक्ट्री में हुई इस त्रासदी में 1,100 से अधिक लोग मारे गए थे और 2,000 घायल हो गए थे.
ढहने के बाद
इस आपदा ने बांग्लादेशी कारखानों में खराब सुरक्षा की पोल खोल दी थी. इन में से कई कारखाने पश्चिमी ब्रांडों के लिए कपड़े बनाते हैं. राना प्लाजा के मालिक सहित दर्जनों लोगों पर लापरवाही के आरोप लगे. अरबों डॉलर के उद्योग में सुरक्षा को सुधारने के लिए कुछ कदम लिए गए मगर अब भी बांग्लादेशी कपड़ा मिल मजदूरों को दुनिया में सबसे कम वेतन मिलता है.
टोंगि फैक्टरी में आग, 2016
10 सितंबर को ढाका के उत्तर में एक सिगरेट पैकेजिंग फैक्ट्री में बॉयलर फटने से लगी आग के कारण 31 लोग मारे गए थे. माना जाता है कि टोंगि गोदाम के भूतल में रखे गए रसायनों के कारण यह आग बहुत जल्दी फैल गई थी.
गाजीपुर कारखाना दुर्घटना, 2017
4 जुलाई 2017 को राजधानी के उत्तर में गाजीपुर शहर में कपड़ा कारखाने के ढहने के पीछे भी एक बॉयलर विस्फोट ही था. इसमें 13 लोग मारे गए थे. संयोगवश उस समय ईद की छुट्टियां होने के कारण हजारों मजदूर फैक्ट्री में काम पर नहीं गए थे.
चौकबाजार धमाका, 2019
20 फरवरी 2019 को ढाका के ऐतिहासिक बाजार में स्थित एक अपार्टमेंट ब्लॉक में आग लगने से कम से कम 70 लोग मारे गए. यह धमाका चौकबाजार की एक इमारत में शुरू हुआ, जहां घरेलू उत्पादों में पड़ने वाले रसायनों को अवैध रूप से इकट्ठा कर रखा गया था. दमकलकर्मियों को आग बुझाने में लगभग 12 घंटे लगे.एनआर/आरपी (एएफपी)