बारिश के बहाने मेढकों की शादी
२० मार्च २००९काठमांडू से 140 किलोमीटर दूर पूर्वी नेपाल के डोलखा ज़िले के किसानों का कहना है कि वो मेढकों की शादी बिल्कुल इंसान की शादी की तरह करवाते हैं. रीति-रिवाजों के साथ मंत्र पढ़े जाते हैं. शादी के बाद अगर मेढकों का जोड़ा टर्राता है, तो बारिश के संकेत मिल जाते हैं.
डोलखा ज़िले के गैरी गांव के किसान कहते हैं कि उनके इलाके में पिछले आठ महीने से एक बूंद बारिश नहीं हुई. इसीलिए उन्होंने मध्य नेपाल से मेढकों के कई जोड़े मंगाए हैं.
गांव के एक बुजुर्ग कहते हैं, ''हाल में हुई एक ऐसी ही शादी में पूरे गांव ने 20-20 रुपये मिलाए और सात पुजारियों को बुलाकर मेढकों के जोड़े की शादी करवाई गई''
ग्रामीण कहते हैं कि पांच साल पहले भी ऐसा ही सूखा पड़ा था. तब भी मेढकों की शादी करवाई गई और अगले ही दिन खूब बारिश हुई.
निश्चित तौर पर ये मेढकों की शादी का असर नहीं रहा होगा लेकिन संयोग कुछ ऐसा बना कि इलाक़े में एक बार फिर बादल छाए और बारिश हुई.
रिपोर्ट: पीटीआई/ ओएसजे
एडिटर: ए जमाल