बेनज़ीर की सुरक्षा नाकाफ़ी थी: यूएन रिपोर्ट
१६ अप्रैल २०१०2007 में बेनज़ीर भुट्टो की हत्या पर संयुक्त राष्ट्र टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट यूएन महासचिव बान की मून को पेश कर दी है. 65 पन्नों की रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि बेनज़ीर भुट्टो के लिए सुरक्षा व्यवस्था नाकाफ़ी और प्रभावहीन थी.
रिपोर्ट के मुताबिक़ पाकिस्तान पुलिस में बेनज़ीर हत्याकांड की जांच करने में सक्षमता का ज़बरदस्त अभाव है. उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने देने और सच जानने के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति की भी कमी है.
"पाकिस्तानी ख़ुफ़िया तंत्र को मिली स्वायत्ता, हर जगह उनकी पहुंच और गुप्त अभियानों के चलते पाकिस्तान में कई समस्याएं पैदा हुई हैं." रिपोर्ट में कहा गया है कि बेनज़ीर की हत्या के बाद पुलिस जानबूझकर देर से हरक़त में आई. घटनास्थल को धोकर साफ़ करने और पोस्टमॉर्टम जांच नहीं होने देने से उनकी हत्या के सही कारणों का पता लगाने में मुश्किल आई.
"कई सरकारी अधिकारियों ने बेनज़ीर को सुरक्षा प्रदान करने की कोशिश नहीं की और न ही उनकी हत्या के लिए ज़िम्मेदार लोगों तक पहुंचने के प्रयास किए. पूर्व प्रधानमंत्री को ख़तरे की आशंका के बावजूद पंजाब और रावलपिंडी में किसी भी तरह से ख़ास सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई."
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के साथ रिश्तों में खटास आने के बाद बेनज़ीर को अल क़ायदा, तालिबान, अन्य जिहादी संगठनों और पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठानों के कुछ तत्वों से ख़तरा था.
इस रिपोर्ट में पाकिस्तान पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसियों में सुधार का अनुरोध किया गया है. यूएन टीम ने स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान ख़ुफ़िया एजेंसियों और अन्य अधिकारियों ने काम में रूकावट डालने की कोशिश की.
पाकिस्तान में आम चुनाव में हिस्सा लेने के लिए बेनज़ीर अक्टूबर 2007 में निर्वासन से देश लौटी थीं और चुनाव प्रचार में हिस्सा ले रही थीं. बेनज़ीर पर एक आत्मघाती हमला पहले हो चुका था जिसमें वह बच गई थीं. लेकिन 27 दिसंबर 2007 में हुआ आत्मघाती हमला इतना घातक था कि उसमें बेनज़ीर की मौत हो गई.
कुछ दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने बेनज़ीर को पुख़्ता सुरक्षा मुहैया नही कराए जाने संबंधी आरोपों को ख़ारिज किया लेकिन यूएन टीम का कहना है कि नवंबर में आपातकाल लगाए जाने के बाद मुशर्रफ़ और बेनज़ीर के संबंधों में कड़वाहट बढ़ गई थी.
तीन सदस्यों वाली यूएन टीम की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र में चिली के राजदूत हेराल्डो मुनोत्ज़ ने की.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा मोंढे