ब्राजील के तट पर रहस्यमयी बक्से
२२ अक्टूबर २०१९ब्राजील के पूर्वोत्तर में जिस समुद्र तट पर कई हफ्तों से तेल फैलता जा रहा था, वहां कुछ समय से रहस्यमयी बक्से भी वैज्ञानिकों को परेशान कर रहे थे. सवाल यह पूछा जा रहा है कि क्या ये बक्से जर्मन जहाज के हैं जिसे 1944 में डुबो दिया गया था.
ब्राजील के उत्तर पूर्व में स्थित एक बीच का नाम है प्राया बेला यानी सुंदर समुद्र तट. आजकल यह बीच उतना सुंदर नहीं दिख रहा. जुलाई में वहां टहलते हुए कार्लोस ताइशेरा को एक अजीब सा बक्सा मिला. इसके पहले उन्होंने समुद्र पर बहते रहस्यमयी डब्बे के बारे में सुना था. सियेरा यूनिवर्सिटी में काम करने वाले समुद्रविज्ञानी ने डॉयचे वेले को बताया, "ये डब्बे अक्टूबर 2018 से ही दिख रहे थे लेकिन हमें पता नहीं था कि वे कहां से आ रहे थे." लोग अटकलें लगा रहे थे कि बक्से किसी डूबे जहाज के हैं. ताइक्शेरा का कहना है कि पिछले एक साल में करीब 200 से 300 डब्बे बहते दिखे हैं.
इन डब्बों में दिलचस्पी तब बढ़ी जब इस साल सितंबर में कार्लोस ताइशेरा को ब्राजील के समुद्र में तैरते तेल के थक्के दिखने लगे. "और यह तेल उन्हीं राज्यों में दिखा. मैंने अपने सहयोगियों से कहा, यह कोई संयोग नहीं हो सकता." ताइशेरा ने समुद्र पर तैरती वस्तु का अध्ययन शुरू किया, ये रबर के गट्ठे थे. एक डब्बे पर लिखा था, फ्रेंच इंडोचाइना. चूंकि फ्रेंच उपनिवेश सिर्फ 1954 तक था, इसलिए इस माल के और पुराना होने की संभावना थी.
गहरे तल में जहाज का मलबा
उसके कुछ समय बाद ही ताइशेरा को इंटरनेट में जर्मन युद्ध जहाज रियो ग्रांदे के बारे में जानकारी मिली जो जापान से यूरोप जाते हुए ब्राजील के तट पर मित्र देशों की सेना के निशाने पर आ गया था. यह साफ नहीं है कि जहाज को उसके कर्मियों ने ही डुबो दिया या वह सहबंध की सेना के हमले में डूबा. लेकिन यह तय है कि उस जहाज पर रबर के गट्ठे लदे थे. अब समुद्र में डूबे जहाज के मलबे की सही जगह का पता चल गया है. मलबों की खोज करने वाले रिसर्चर डैवन मिर्न्स के अनुसार वह गोदीनगर रेसिफे से 500 नॉटिकल माइल दूर 5762 मीटर की गहराई में है. इस तरह वह अबतक सबसे गहराई में मिला मलबा है. ताइशेरा ने मिर्न्स से संपर्क किया और उन्हें जहाज के गोदाम की तस्वीरें भेजी. उसमें उस तरह के डब्बे दिखते हैं, जो समुद्र पर बहते डब्बों जैसे ही हैं.
उसके बाद ताइशेरा ने इस बात की जांच की कि क्या जहाज का सामान ब्राजील की ओर बहकर आ सकता था. वे बताते हैं, "उसके बाद मैंने मलबे की जगह से चीजों के फैलने को सिमुलेट किया. और ये चीजें उसी जगह पर आईं जहां पहले भी डब्बे जैसी चीजें आई थीं. इससे हमारा विश्वास मजबूत हुआ कि मलबे से ही डब्बे आ रहे हैं." इस तरह ताइशेरा ने तेल के अजीबोगरीब थक्कों के स्रोत का पता कर लिया था. "सबसे पहले हमने पूछा कि तेल कहां से आ रहा है, और जहाज का डूबना भी एक कल्पना थी." लेकिन अब वे दोनों में कोई संबंध नहीं देखते. क्योंकि अभी पाया गया तेल नया तेल है. अगर वह जहाज से आता तो 70 साल पुराना होता.
तट से बहुत दूर
इतना ही नहीं जो तेल ब्राजील के तट पर मिला है वह खनिज तेल है, न कि मशीन को चलाने में लगने वाला तेल. इसलिए अब यह नहीं कहा जा रहा है कि ब्राजील के समुद्र तट पर बह रहा तेल जहाज के मलबे से आ रहा है. लेकिन ताइशेरा उसके बहकर आने के रास्ते पर अडिग हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से तेल ब्राजील के पूर्वोत्तर में तट के आसपास फैला है, उसे रियो ग्राडे जहाज के मलबे की ओर से ही आना चाहिए. वे कहते हैं, "मेरी राय में तेल पेरनाम्बुको प्रांत की ओर तट से 500 से 1000 किलोमीटर दूर से आ रहा है." यह जगह वही है जहां दुर्घटनाग्रस्त जहाज का मलबा है. उनका कहना है कि यदि तेल कहीं नजदीक से आ रहा होता तो उतनी दूर तक इतनी तेजी से नहीं फैला होता.
समुद्र तट पर जिस इलाके में तेल कुछ हफ्तों के अंदर फैल गया वह इलाका करीब 2000 किलोमीटर लंबा है. तेल तट से बहुत दूर समुद्र में दिखा है, इसलिए ताइशेरा इस बात को भी नहीं मानते कि वह ब्राजील की तेल कंपनी पेत्रोबास की आब्रेयू इ लीमा रिफाइनरी से निकला होगा. वहां अगस्त में तेल बह निकला था. ताइशेरा कहते हैं, "बहाव तेल को वहां से उत्तर तक नहीं ले जा पाता. यह जरूर तट से दूर किसी स्रोत से आ रहा है," अब उन बक्सों का क्या होगा जो समुद्र में तैर रहे हैं. कुछ को फेंक दिया गया है, कुछ समुद्र तटों पर पड़े हैं. वे 80 से 100 किलो भारी हैं. उन्हें इधर उधर ले जाना हर किसी के लिए संभव नहीं.
रिपोर्ट: थोमस मिल्स
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ब्राजील के समुद्र तट पर फैला है रहस्यमय तेल