पाकिस्तानी ब्राजुका
१४ जून २०१४क्रिकेट के लिए पाकिस्तान का प्यार जग जाहिर है. यहां फुटबॉल से ज्यादा क्रिकेट की दीवानगी है. पाकिस्तान की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम फीफा विश्व कप के एशियन क्वालिफाइंग राउंड तक भी नहीं पहुंच पाती है. हालांकि, विश्व में हाथ से बनी फुटबॉल गेंदों की कुल संख्या का 70 फीसदी उत्पादन पाकिस्तान करता है.
फुटबॉल विश्व कप के दौरान फुटबॉल का उत्पादन तेजी के साथ 6 करोड़ फुटबॉल तक पहुंच जाता है. पाकिस्तान का सियालकोट शहर देश के फुटबॉल उद्योग का केंद्र है. घरेलू खपत के लिए फुटबॉल के उत्पादन के अलावा यहां क्रिकेट के बल्ले, बैडमिंटन रैकेट के भी उद्योग फल फूल रहे हैं. इस छोटे से शहर से दुनिया भर में यहां के बने बॉल निर्यात किए जाते हैं. इस साल के विश्व कप फुटबॉल में सियालकोट में बनी फुटबॉल भी आपको नजर आएंगी.
लियोनेल मेसी और फिलिप लाम इस खास "ब्राजुका" पर अपनी किक लगाते नजर आने वाले हैं. सियालकोट के चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एससीसीआई) के अध्यक्ष सरफराज बशीर ने डॉयचे वेले को बताया, "फुटबॉल दुनिया का सबसे पसंदीदा खेल है. फीफा ने विश्व कप फुटबॉल के उत्पादन के लिए पाकिस्तान को चुनकर देश का सम्मान बढ़ाया है." बशीर के मुताबिक एससीसीआई ने इस्लामाबाद में ब्राजील के राजदूत को शहर के दौरे के लिए निमंत्रित किया है, जहां उन्हें ब्राजुका गेंद भेंट में दी जाएगी. बशीर के मुताबिक, "यह निश्चित रूप से दुनिया के सामने पाकिस्तान की नरम छवि पेश करेगा. हम अपनी उपलब्धि पर गर्व कर रहे हैं."
अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर
फॉरवर्ड स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की एक फैक्ट्री इन दिनों आकर्षण का मुख्य केंद्र बनी हुई है, जहां स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया पहुंचकर इस बारे में रिपोर्ट कर रही है. मीडिया पाकिस्तान के एक और पहलू को दुनिया के सामने लाने की सकारात्मक कोशिश कर रही है. यह वही जगह है जहां ब्राजुका बनाई जा रही है.
फैक्ट्री में काम करने वाला एक कर्मचारी कहता है, "जब हमें यह खबर मिली कि हमें विश्व कप के लिए फुटबॉल बनाने का काम मिला है तो हम खुशी से झूम उठे." इस कर्मचारी का कहना है कि फैक्ट्री के मालिक ने इस उपलब्धि को हासिल करने की खुशी में सबके लिए रात्रिभोज का इंतजाम किया.
फैक्ट्री मालिक ख्वाजा मसूद अख्तर ने डीडब्ल्यू को बताया कि उन्होंने इससे पहले कई अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए गेंद तैयार की है लेकिन ब्राजुका बनाने का काम बेहद चुनौतीपूर्ण था. डीडब्ल्यू से अख्तर कहते हैं, "आम तौर पर हम हाथ से फुटबॉल बनाते हैं. मशीन से गेंद बनाना कठिन काम था. हमें फुटबॉल बनाने के लिए कई कंप्यूटर प्रोग्राम और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करना पड़ा. हमारे पास विशेषज्ञ नहीं थे जो इस काम कर सकें. लेकिन हमने जीतोड़ मेहनत की और क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं किया."
पाकिस्तानी ब्राजुका की सफलता शहर की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी है. फुटबॉल बनाने वाली एक और कंपनी के मालिक मोहम्मद आसिफ कहते हैं कि शहर में स्थित सभी फैक्ट्री मालिकों को एडिडास और नाइकी जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से प्रस्ताव मिल रहे हैं. उनके मुताबिक, "यह सभी फैक्ट्री मालिकों के साथ साथ पूरे पाकिस्तान के लिए फायदेमंद है. "
रिपोर्ट: तनवीर शहजाद/एए
संपादन: ईशा भाटिया