भारत ने पाकिस्तान की ओर गलती से दागी मिसाइल
११ मार्च २०२२भारतीय अधिकारियों के मुताबिक नियमित मेंटेनेंस के दौरान तकनीकी गलती की वजह से मिसाइल दग गई. घटना की जानकारी देते हुए सरकार की तरफ से आए बयान में बताया गया, "शुक्रवार 9 मार्च को नियमित मेंटेनेंस के दौरान एक तकनीकी गलती हुई, जिसकी वजह से एक मिसाइल अचानक दाग दी गई." रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस मामले में एक उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है, "पता चला है कि यह मिसाइल पाकिस्तान के इलाके में जा कर गिरी. यह घटना अत्यधिक दुखद है, लेकिन इसके साथ ही यह राहत की बात है कि इस हादसे की वजह से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है."
पाकिस्तान ने की जांच की मांग
पाकिस्तान ने शुक्रवार को ही भारत को इस घटना के बारे में चेतावनी दी थी. हालांकि शुरुआत में पाकिस्तानी सेना यह पक्के तौर पर नहीं जानती थी कि भारत की ओर से सुपरसोनिक स्पीड से आई चीज मिसाइल थी. पाकिस्तान ने कहा था कि काफी ऊंचाई पर एक सुपरसोनिक चीज भारत की तरफ से पाकिस्तान की ओर आई थी और पाकिस्तान के इलाके में जा कर गिर गई.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इस्लामाबाद में भारत के राजदूत को इस मामले में तलब किया गया है और विरोध जताते हुए इसे बिना उकसावे के पाकिस्तान की वायुसीमा का उल्लंघन कहा गया है. पाकिस्तान ने इस मामले की जांच की मांग की है. उसका यह भी कहना है कि इसकी वजह से यात्री विमानों या फिर नागरिकों के जीवन पर खतरा हो सकता था.
पाकिस्तान की तरफ से जारी बयान में, "भारत को इस तरह की लापरवाहियों के चलते दुखद परिणामों के प्रति सावधान रहने और भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोबारा नहीं होने के लिए प्रभावी कदम उठाने" को कहा गया है.
सिरसा से उड़ी थी मिसाइल
गुरुवार की रात जल्दबाजी में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा, "9 मार्च को एक तेज गति से उड़ती चीज जो भारत से आई थी, उसे पाकिस्तानी एयर फोर्स के एयर डिफेंस ऑपरेशन सेंटर ने देखा था." उनका कहना है कि सेना को यह पता नहीं था कि वह क्या है. यह चीज भारत के सिरसा से आई थी और पूर्वी पाकिस्तान के मियां चानू में गिरी. सिरसा दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में है.
पाकिस्तान ने इस मामले की जांच करा कर उसके नतीजे साझा करने की भी मांग की है. पाकिस्तान के एयरफोर्स का कहना है कि इस चीज की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है और शुरुआती नतीजे बता रहे हैं कि यह जमीन-से-जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल थी, लेकिन इसमें हथियार नहीं था. यह मिसाइल 40,000 फीट की ऊंचाई पर माक 3 की गति से उड़ी और पाकिस्तान की वायुसीमा में 124 किलोमीटर अंदर आने के बाद गिर गई. मेजर जनरल इफ्तिखार ने कहा कि जब तक भारत इस बारे में उत्तर नहीं दे देता, पाकिस्तानी सेना जल्दबाजी में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहती.
एनआर/एसएम (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)