भारत में होंगे 8 करोड़ डायबिटीज मरीज
१४ नवम्बर २०१०रविवार को वर्ल्ड डायबिटीज डे के मौके पर यह चेतावनी जारी की गई. हालांकि इंटरनेशनल डायटबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) का कहना है कि इस वक्त देश में डायबिटीज के 5 करोड़ से ज्यादा मरीज हैं. आईडीएफ के मुताबिक आने वाले दो दशकों में लगभग 8.7 करोड़ भारतीय इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ जाएंगे.
एंडोक्रायनोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. तीर्थंकर चौधरी इस सूरत को बहुत ज्यादा खतरनाक मानते हैं. वह कहते हैं, "दुनिया भर में 23 करोड़ लोग इस क्रॉनिक बीमारी के साथ जी रहे हैं. आने वाले 20 साल में यह तादाद बढ़कर 35 करोड़ तक पहुंच सकती है."
चौधरी बताते हैं कि डायबिटीज को काबू रखने के लिए चार सूत्री कार्यक्रम पर चलना होगा. सबसे पहले तो व्यायाम, फिर स्वस्थ खाना. उसके बाद दवाई और लगातार निरीक्षण. वह कहते हैं कि अब इस बात को समझना बहुत जरूरी हो गया है कि डायबिटीज को सलीके से मैनेज करना ही होगा.
डॉ. चौधरी कहते हैं कि शुगर लेवल को लगातार जांचना बहुत जरूरी है, खासतौर पर उन मरीजों के लिए जो इंसुलिन पर हैं. इसी के जरिए पता चल सकता है कि मौजूद शुगर लेवल क्या है ताकि इसे सही रखने के लिए जरूरी कदम समय पर उठाए जा सकें.
अमेरिकी डायबिटीज एसोसिएशन की एक सिफारिश के बारे में बताते हुए डॉ. चौधरी कहते हैं कि मरीजों को ध्यान रखना चाहिए कि खाने से पहला उनके ग्लूकोज लेवल 70 से 130 mg/dl रहे और खाने के बाद 180 mg/dl से नीचे रहे.
रिपोर्टः एजेंसियां/ वी कुमार
संपादनः एन रंजन