'भ्रष्ट पूंजीवाद' की लिस्ट जारी
समाचार पत्र 'दि इकॉनोमिस्ट' ने 'क्रोनी कैपिटलिज्म' पर अपनी एक लिस्ट जारी की है. इसके मुताबिक रूस नंबर एक पर और भारत 9वें पायदान पर है. इस सूची में जर्मनी के पूंजीवाद को सबसे 'पाक-साफ' बताया गया है.
क्या बला है क्रोनी कैपिटलिज्म?
पूंजीवाद के हिमायती अर्थशास्त्रियों का मानना है कि क्रोनी कैपिटलिज्म यानि 'भ्रष्ट पूंजीवाद' में उद्योग, राजनीति और प्रशासन में शामिल लोग एक दूसरे के हित साधते हुए काम करते हैं. यहां आदर्श पूंजीवाद के अनुसार स्वस्थ प्रतियोगिता नहीं होती.
इकॉनोमिस्ट की तकनीक
ये लिस्ट तैयार करने के लिए इकॉनोमिस्ट ने फोब्स की दुनिया के अरबपतियों और उनकी संपदा पर छापी गई एक सूचि का इस्तेमाल किया है. इनके राज्य और प्रशासन के साथ संबंधों और देश के जीडीपी में इनकी पूंजी के योगदान की पड़ताल की है.
रूस नंबर वन
इस सूचि के मुताबिक रूस में पूंजीवाद अपने सबसे 'छद्म' रूप में है. उसे सूचि में पहला पायदान मिला है. देश की जीडीपी में 21.3 प्रतिशत पूंजी अरबपतियों की है जिसमें से 18 प्रतिशत क्रोनी सैक्टर की है.
भारत का नवां स्थान
इकॉनोमिस्ट ने अपनी इस सूचि में भारत को नवां स्थान दिया है. यहां जीडीपी में 11 प्रतिशत पूंजी अरबपतियों की है जिसमें से 3.4 प्रतिशत क्रोनी सैक्टर की है.
भारत से आगे
इस सूचि में रूस के बाद मलेशिया, फिलीपिंस, सिंगापुर, यूक्रेन, मैक्सिको, इंडोनेशिया और तुर्की भारत से आगे हैं. रूस के साथ ही मलेशिया, फिलीपिंस और सिंगापुर की जीडीपी में 10 फीसद से ज्यादा पूंजी क्रोनी सेक्टर की है.
क्रोनी ट्रंप
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमरीकी राष्ट्रपति पद के दावेदार डॉनल्ड ट्रंप भी कैसिनो और प्रोपर्टी टाइकून हैं. इकॉनोमिस्ट की इस क्रोनी रेंकिंग में निजी अरबपतियों में वे 104वें नंबर पर है.
जर्मनी का पूंजीवाद
इकॉनोमिस्ट ने जर्मनी में 'पूंजीवाद' को पाक साफ बताया है. 22 देशों के इस इंडेक्स में इसका पायदान सबसे निचला है. देश की जीडीपी में अरबपतियों का योगदान 13.9 फीसदी है जिसमें से 13.7 प्रतिशत हिस्सा नॉन क्रोनी सैक्टर का है.
क्रोनी पूंजी में गिरावट
हालांकि क्रोनी पूंजीवाद, आदर्श पूंजीवाद की स्वस्थ प्रतियोगिता को नहीं अपनाता है लेकिन इसका मैकेनिज्म गैरकानूनी भी नहीं होता. 2014 के मुकाबले इकॉनोमिस्ट की इस ताजा लिस्ट में क्रोनी पूंजी का 116 अरब डॉलर तक घट गया है.