माहवारी में अलग रह रही महिला दम घुटने से मरी
१० जनवरी २०१८पुलिस ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी. घटना नेपाल के पश्चिम जिले अछाम की है. 21 साल की गौरी बायक को उसके पड़ोसियों ने सोमवार की सुबह धुएं से भरी झोपड़ी में मरा हुआ देखा. स्थानीय पुलिस प्रमुख दाढी राम नोयपाने ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "उसने झोपड़ी के अंदर खुद को गर्म रखने के लिए आग जला रखी थी. हमें संदेह है कि वहां अधिक धुआं होने का कारण उसका दम घुट गया." पुलिस मौत की असल वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
नेपाल के कई समुदायों में माहवारी के दौरान महिलाओँ को अपवित्र माना जाता है. दूरदराज के कुछ इलाकों में इस दौरान उन्हें घर से थोड़ी दूर पर बनी झोपड़ी में अलग रहने के लिए भेज दिया जाता है. इस परंपरा को नेपाल में चौपदी कहते हैं. ना सिर्फ माहवारी के दौरान बल्कि बच्चे को जन्म देने के वक्त भी महिलाओं को परिवार से अलग रखा जाता है. इस दौरान उन्हें खाना, धार्मिक प्रतीकों, मवेशी और पुरुषों को छूने की मनाही होती है. उन्हें घर से बाहर एक बिल्कुल सादी झोपड़ी में रहने के लिए भेज दिया जाता है.
2005 में इस प्रथा पर नेपाल में रोक लगा दी गई लेकिन आज भी दूर दराज के कई हिस्सों में यह जारी है खासतौर से पश्चिमी नेपाल में. पिछले साल इसी तरह झोपड़ी में रहने के दौरान एक किशोरी की मौत सांप काटने के कारण हो गई. 2016 में दो महिलाएं अलग अलग घटनाओं में इसी रिवाज को मानने के दौरान मर गईं.
पिछले साल नेपाल ने एक कानून पास किया जिसके तहत चौपदी को अपराध घोषित कर दिया गया. अगस्त में इसे लागू किया गया जिसके तहत किसी महिला को चौपदी के लिए मजबूर करने वाले को तीन महीने की जेल और 3000 नेपाली रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है.
महिला अधिकार विभाग की स्थानीय अधिकारी मंजू महात ने कहा कि चौपदी, "साफ तौर पर हमारे मानवाधिकारों का उल्लंघन है" उन्होंने महिलाओँ के परिवारों से अनुरोध किया, "यह जिम्मेदारी उठाएं और इस प्रथा को रोकें."
एनआर/एके (एएफपी)