मुंबई हमले में ज़ख़्मी ताज पूरी तरह खुला
१६ अगस्त २०१०ताज होटल के 107 साल पुराने हेरिटेज विंग पर मुंबई हमले की काली छाया पड़ गई थी. हर किसी को ताज होटल का नाम सुनकर धुएं के उठते गुबार, आग की लपटें और धमाकों के बीच 60 घंटे तक आतंकियों के चंगुल में बंधक रहने की तस्वीरें ही जेहन में उभरती हैं. पर अब इन सबको पीछे छोड़ कर नई नवेली दुल्हन की तरह चमकती दमकती और इठलाती लॉबी, कड़क वर्दी में सजे होटल के स्टाफ रेस्टोरेंट में मेहमानों को स्वागत करने में जुटे हैं. रविवार को पहले मेहमान ने हेरिटेज विंग की मेजबानी का आनंद उठाया और फिर 21 महीने से बंद हुआ ठहाकों, ड्रिंक की चुस्कियों और लज़ीज़ खाने का सिलसिला फिर चालू हो गया.
होटल के स्टाफ हालांकि आज भी वो मंज़र भूल नहीं पाए हैं. मुंबई हमले में मारे गए 166 लोगों में से 31 की जान हेरिटेज विंग में ही गई थी. इनमें से 12 होटल के स्टाफ थे. ताज होटल के मॉडर्न टावर को तो हमले के कुछ ही दिनों बाद खोल दिया गया. हमले में हेरिटेज विंग पूरी तरह तबाह हो गया था. इसे फिर से जिंदा करने में करीब 175 करोड़ रुपये खर्च किए गये. हज़ारों लोगों ने होटल के 285 कमरों को दोबारा शुरू करने के लिए दिन रात मेहनत की. इस मौके पर टाटा समूह के अध्यक्ष रतना टाटा ने कहा, "ये कंपनी की सबसे शानदार इमारत है. ये बूढ़ी अम्मा एक बार फिर अपने एक सदी पुराना वैभव लोगों के सामने रखने के लिए तैयार है." इस मौके पर हमले के दौरान यहां मौजूद कुछ मेहमानों ने एक बार फिर होटल की मेजबानी कबूल की.
रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन
संपादनः ए जमाल