मुशर्रफ़ देश और राजनीति में लौटेंगे
२१ मई २०१०अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में मुशर्रफ़ ने इस आलोचना का भी जवाब दिया कि उनके शासनकाल में पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की सुरक्षा में कमी रह गई थीं और इसकी वजह से भुट्टो की 2007 में चुनाव अभियान के दौरान हत्या कर दी गई थी.
मुशर्रफ़ ने बेनज़ीर की हत्या पर संयुक्त राष्ट्र की जांच की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने भुट्टो को हर संभव सुरक्षा उपलब्ध करवाई थी. उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि उन्होंने खुद भुट्टो को चेतावनी दी थी ओर कहा था कि उनकी जान को ख़तरा है. मुशर्रफ़ का कहना था कि उन्होंने भुट्टो को उस जगह जाने से रोकने की भी कोशिश की थी जहां उनकी हत्या हुई थी. लेकिन यह बेनज़ीर की अपनी इच्छा थी कि वह वहां गईं.
इस बीच पाकिस्तान में चुनाव अधिकारियों का कहना है कि मुशर्रफ़ ने एक नई पार्टी का गठन करने के लिए कागज़ात जमा किए हैं. 2008 में हुए लोकतांत्रिक चुनावों के बाद बेनज़ीर भुट्टो की पीपल्स पार्टी की सरकार बनने और उनके पति आसिफ़ अली ज़रदारी के राष्ट्रपति बनने के बाद मुशर्रफ़ अब ज़्यादातर ब्रिटेन की राजधानी लंदन में रह रहे हैं.
परवेज़ मुशर्रफ़ पाकिस्तान के सेना प्रमुख रहे हैं और उन्होंने 1999 में नवाज़ शरीफ़ की निर्वाचित सरकार को हटाकर सत्ता हथिया ली थी. फिर भी उन्हें अपने शासनकाल में पश्चिमी देशों में पाकिस्तान के आधुनिकरण के लिए बड़ी उम्मीद के रूप में देखा जाने लगा. 2001 में न्यूयॉर्क में 9-11 हमलों के बाद वे आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगी बन गए थे.
इसकी वजह से उन्हें पाकिस्तान के भीतर ही काफी आलोचना झेलनी पड़ी. मुशर्रफ़ के पाकिस्तान लौटने की इच्छा को लेकर अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उनपर 2007 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और मुख्य न्यायाधीश को हटाने के मामले में मुक़दमा चलाया जाएगा. इसकी वजह से पाकिस्तान में मुशर्रफ़ विरोधी माहौल बना और उनके ख़िलाफ़ बडे विरोध प्रदर्शन हुए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ प्रिया एसेलबॉर्न
संपादन: महेश झा