मैर्केल की चेतावनी, छलावा हो सकता है कोरोना का धीमा होना
२३ अप्रैल २०२०चिंतित देश की सरकार भी है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने संसद में अपने पहले सरकारी बयान में लोगों को चेतावनी दी है कोरोना महामारी का संकट लंबे समय तक चलेगा. सोशल डिसटेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए संसद की बैठक में चांसलर ने अपने बयान में लोगों को चेतावनी दी है कि वे कोरोना को हल्के में न लें. लॉकडाउन में ढील देने पर चल रही राष्ट्रव्यापी बहस पर उन्होंने जल्द और व्यापक ढील के सुझावों को गलत बताया. उन्होंने कहा, "ये एक लंबी राह है जिस पर हमारी ताकत और सांस बहुत जल्द खत्म नहीं होनी चाहिए." इस समय लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां बंद होने का दबाव झेल रही राज्य सरकारें अलग अलग छूट दे रही हैं. चांसलर ने ऐसे प्रातों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे महामारी से लड़ने में मिली कामयाबी को संपर्क पर प्रतिबंध में ज्यादा ढील देकर दांव पर न लगाएं. जर्मनी में सार्वजनिक रूप से दो लोगों से ज्यादा के साथ आने पर रोक है. चांसलर ने कहा कि हम महामारी के अंत तक नहीं पहुंचे हैं बल्कि उसकी शुरुआत में हैं.
जर्मनी में इस हफ्ते के शुरू से देश की तालाबंदी में ढील शुरू हो गई है. कई हफ्तों से बंद स्कूल शर्तों के साथ फिर शुरू हो रहे हैं. खासकर जिस जिस क्लास के बच्चों को अगले स्तर पर जाने वाली परीक्षाएं देनी हैं उनका स्कूल जाना अनिवार्य है. इसके अलावा 800 वर्गमीटर के क्षेत्रफल वाली कई दुकानें भी खुल रही हैं. कुछ राज्य बड़ी दुकानों को भी इस शर्त पर खोलने की अनुमति दे रहे हैं कि वे सिर्फ 800 वर्गमीटर के इलाके पर दुकान खोलें. चांसलर ने कहा कि वे अकेलापन खत्म करने लोगों की इच्छा समझती हैं, खासकर बुजुर्गों और निःशक्त लोगों के लिए अकेलापन भी एक समस्या है. चांसलर ने कहा कि अपने कार्यकाल में वायरस से लड़ने के लिए व्यक्तिगत आजादी पर रोक लगाने का फैसला उनके सबसे कठिन फैसलों में एक था. उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की.
कई पश्चिमी देशों की तरह जर्मनी में भी महामारी के दौरान लोकतांत्रिक अधिकारों पर बहस चल रही है. जर्मन चांसलर ने पिछले हफ्तों में मूल अधिकारों पर रोक लगाने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा, "ये महामारी लोकतांत्रिक कलंक है. नागरिक अधिकारों और कारोबार में सीमित समय की कटौती तभी सह्य होगी जब राजनीतिक प्रतिनिधि उसकी जरूरत के कारणों को पारदर्शी और समझने लायक बनाएं." जर्मनी के महामारी निरोधक संस्थान रॉबर्ट कॉख इंस्टीच्यूट के अनुसार अब तक जर्मनी में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोग संक्रिमत हो चुके हैं और 5,000 से ज्यादा की जान जा चुकी है. एक दिन पहले संक्रमण के 2352 नए मामले आए हैं जबकि 215 लोगों की मौत हुई है.
संसद की बैठक में सत्ताधारी सीडीयू सीएसयू पार्टी के संसदीय दल के नेता राल्फ ब्रिंकहाउस ने चेतावनी दी कि सरकार को खर्च करने का आयाम और संतुलन नहीं खोना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा संसदीय दल खुद को सुदृढ़ राजस्व का रक्षक समझता है. वामपंथी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी तालांबदी के दिनों में गरीब और बेरोजगार लोगों के हितों पर ध्यान देने की वकालत कर रही है. एक दिन पहले ही कैबिनेट ने तालाबंदी के कारण उद्यमों में लागू किए जा रहे शॉर्ट टर्म काम के लिए मिलने वाले तनख्वाह को बढ़ाने का फैसला किया. अब उद्यमों के काम से वंचित कामगारों को पहले के 60 प्रतिशत के बदले महीने में 80 प्रतिशत वेतन मिलेगा. एसपीडी नेता रॉल्फ मुत्सेनिष ने ऐसे उद्यमों की आलोचना की जो आर्थिक दिक्कतों के कारण सरकारी मदद ले रहे हैं, लेकिन अपने कर्मचारियों को बोनस और शेयरधारकों को लाभांश दे रहे हैं.
उदारवादी फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी के प्रमुख क्रिस्टियान लिंडनर ने सरकार पर डिजिटल कमजोरियों का आरोप लगाया और कहा कि उसकी वजह से हमें स्वास्थ्य, समृद्धि और आजादी की कीमत चुकानी पड़ रही है. इसके विपरीत वामपंथी डी लिंके के नेता डीटमार बार्च ने सरकार की तारीफ करते हुए कहा, "हां, एकजुटता शब्द को इस देश में फिर से नई तान मिली है." ग्रीन पार्टी के नेता अंटोन होफराइटर ने यूरोपीय बांड का समर्थन किया तो धुर दक्षिणपंथी एएफडी ने संसदीय दल के नेता अलेक्जांडर गाउलंड ने आरोप लगाया कि सरकार ने बहस पर रोक लगा दी है, जिसे खत्म किया जाना चाहिए.
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