मैर्केल से टकराएंगे श्टाइनब्रुक
२८ सितम्बर २०१२एसपीडी के अध्यक्ष जिगमार गाब्रिएल ने पार्टी मुख्यालय में श्टाइनब्रुक के नाम की घोषणा करते हुए कहा, "मैं 2013 के संसदीय चुनाव में चांसलर पद के लिए पेयर श्टाइनब्रुक के नाम का प्रस्ताव दूंगा." फैसले का समर्थन करते हुए संसदीय दल के नेता फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने कहा, "यह एसपीडी के लिए अच्छा दिन है. मुझे पूरा विश्वास है कि पेयर श्टाइनब्रुक न सिर्फ सर्वोत्तम उम्मीदवार हैं बल्कि वे देश के लिए सही चांसलर भी होंगे."
पार्टी से दूर
लोगों के बीच अत्यंत लोकप्रिय श्टाइनमायर ने पिछले चुनावों में पार्टी का नेतृत्व किया लेकिन वे पार्टी को जीत का सेहरा नहीं पहना पाए. चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू पार्टी संसद में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. एसपीडी पार्टी के अंदर श्टाइनब्रुक के अलावा पार्टी अध्यक्ष गाब्रिएल और श्टाइनमायर उम्मीदवारी की दौड़ में थे. पार्टी नेतृत्व ने अगले साल के शुरू में अंतिम फैसला करना तय किया था. लेकिन पार्टी के अंदर जल्द फैसला करने का दबाव बढ़ता जा रहा था.
हालांकि पेयर श्टाइनब्रुक पार्टी के अंदर अत्यंत विवादित है. उनके नेतृत्व में पार्टी ने कभी कोई चुनाव नहीं जीता है. इसके अलावा पार्टी के तिहरे नेतृत्व में अकेले हैं जिसके पास पार्टी का कोई पद नहीं है. पार्टी का वामपंथी धड़ा उन पर उद्योग समर्थक नीतियों का आरोप लगाता है. 2005 में महागठबंधन के वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने बैंकों को डिरेगुलेट करने का समर्थन किया और इसे गठबंधन संधि का हिस्सा भी बनाया.
इसके अलावा उन्होंने बैंकों के ऐसे नए उत्पादों के लिए समर्थन करने का आश्वासन दिया था, जिन्हें इस बीच उपभोक्ता सुरक्षा संगठन अत्यंत सट्टे वाला और अपारदर्शी बता रहे हैं. अंगेला मैर्केल के साथ मिलकर उन्होंने गैर सरकारी बैंक एचआरई को सैकड़ों अरब यूरो की सरकारी मदद से बचाया. 2009 में बैंक का राष्ट्रीयकरण कर लिया गया.
बैंकों पर सख्ती
संभव है कि बैंकों पर नियंत्रण समाप्त करने को लेकर हुई आलोचना को कम करने के लिए कुछ दिन पहले श्टाइनब्रुक ने वित्तीय बाजारों पर नया प्रस्ताव दिया है. उसमें उन्होंने बैंकों पर सख्त नियंत्रण करने, कारोबारी बैंक और निवेश बैंक को अलग करने और बैंकों के लिए अलग बचाव पैकेज बनाने का सुझाव दिया है. हालांकि उन्होंने कहा कि उनका प्रस्ताव चांसलर की उम्मीदवारी के लिए नहीं है, लेकिन पर्यवेक्षकों ने उसे उम्मीदवारी की दौड़ में मोर्चेबंदी बताया था.
पिछले दिनों एक और वजह से श्टाइनब्रुक विवादों में रहे. वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने शतरंज विश्व चैंपियनशिप के लिए प्रायोजक जुटाने की कोशिश की थी. डॉयचे पोस्ट, टेलीकॉम और दूसरे उद्यमों को पत्र लिखने के लिए उन्होंने वित्त मंत्रालय के सरकारी लेटरहेड का इस्तेमाल किया था.श्टाइनब्रुक ने पद के दुरुपयोग के आरोप को ठुकरा दिया है.
मैर्केल से करीब नहीं
श्टाइब्रुक के मनोनयन की खबर पर आरंभिक प्रतिक्रिया मिली जुली रही है. वामपंथी पार्टी डी लिंके की वित्तीय प्रवक्ता जारा वागेनक्नेष्ट ने इसे एसपीडी के दीवालिएपन का सबूत बताया है. पार्टी अध्यक्ष क्लाउस एर्न्स्ट ने कहा है कि श्टाइनब्रुक का नाम एजेंडा 2010 के साथ जुड़ा है. इसे जर्मनी में सामाजिक मदों में कटौती का कानून माना जाता है. बवेरिया में एसपीडी के नेता क्रिस्टियान ऊडे ने श्टाइनब्रुक की उम्मीदवारी का समर्थन किया है, लेकिन सत्ताधारी सीडीयू में इस खबर से कोई खलबली पैदा नहीं की है. पार्टी के मैनेजर मिषाएल ग्रोसे-ब्रोएमर ने ट्वीट किया, "गाब्रिएल कर नहीं सकते, श्टाइनमायर चाहते नहीं, फिर एक ही बचा."
चैन की वजह जनमत संग्रह में चांसलर अंगेला मैरकेल का भारी समर्थन है. 53 फीसदी मैर्केल को फिर से चांसलर के रूप में देखना चाहते हैं, लेकिन सिर्फ 36 फीसदी पेयर श्टाइनब्रुक के पक्ष में है. वैसे श्टाइनब्रुक के पास अभी लोगों का समर्थन जीतने के लिए करीब एक साल है.
रिपोर्ट: बेटीना मार्क्स/एमजे
संपादन: ए जमाल