म्यांमार में राजनीतिक कैदियों की रिहाई
१३ जनवरी २०१२लोकतांत्रिक चुनावों के बाद से पश्चिमी देशों की नजर म्यांमार पर टिकी हुई है जो चुनाव से पहले तक सैनिक शासन होने के कारण उससे दूर रहे हैं. शुक्रवार को बड़ी संख्या में राजनीतिक बंदियों को रिहा तो किया गया लेकिन साफ तौर पर जानकारी नहीं दी गई है कि कुल कितने लोगों को रिहा किया जाना है.
शुक्रवार को जिन लोगों ने खुली हवा में सांस ली उनमें 60 साल के साई न्यूंत ल्विन भी हैं. वह मुख्य अल्पसंख्यक समुदाय शान के नेता हैं और पूर्व में शान नेशनलिस्ट लीग फॉर डेमोक्रेसी(एसएनएलडी) पार्टी के सचिव भी रहे हैं. उन्हें कालायाम्यो जेल से आजाद किया गया.
रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने ल्विन से बातचीत के बाद लिखा है, "मैंने पता किया है कि अध्यक्ष कुह्न शुन ऊ सहित शान पार्टी एसएनएलडी के बाकी नेताओं को भी छोड़ दिया गया है. मुझे 85 साल की सजा दी गई थी लेकिन आज सात साल बाद ही मुझे छोड़ दिया गया. मेरा स्वास्थ्य ठीक है. मैं आज दोपहर यांगोन जा रहा हूं."
रिहा हुए लोगों के परिजनों और जेल के अधिकारियों अनुसार 1988 में लोकतंत्र समर्थक रैली में हिस्सा लेने वाले 88 जनरेशन स्टुडेंट ग्रुप के नेता मिन को नेइंग और बौद्ध भिक्षु शिन गंभीरा के अलावा अन्य सदस्यों को भी रिहा कर दिया गया है.
पूर्व प्रधानमंत्री भी रिहा
सेना के खुफिया प्रमुख रहे पूर्व प्रधानमंत्री खिन न्यूंत की नजरबंदी भी हटा ली गई है. 651 रिहा किए गए कैदियों में से 308 जाने माने लोग हैं और 148 सेना के खुफिया विभाग के अधिकारी हैं. 2003 में प्रधानमंत्री बने खिन न्यूंत ने लोकतंत्र के रोडमैप पर काम शुरू किया लेकिन फिर अजीब हालात में उन्हें नजरबंद कर दिया गया और वह तब से नजरबंद थे.
सैन्य शासन के खत्म होने और लोकतांत्रिक सरकार के मार्च से सत्ता में आने की घोषणा के बाद से म्यांमार में कई सुधार तेजी से हुए हैं. 12 अक्टूबर को 230 राजनैतिक कैदियों को रिहा किया गया था.
इन सुधारों के बाद अमेरिका और ईयू सहित कई देशों के नेता म्यांमार पहुंचे और सुधारों की प्रक्रिया को पूरा समर्थन दिया. म्यांमार में सुधारों का अगला बड़ा कदम अप्रैल के चुनाव होंगे जिसमें आंग सान सू ची और उनकी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी हिस्सा लेंगे.
संख्या तय नहीं
म्यांमार में कितने लोग राजनीतिक कैदियों के तौर पर बंद हैं, इस बारे में आंकड़े अलग अलग हैं. मानवाधिकार संगठन और संयुक्त राष्ट्र कैदियों की संख्या 2,100 बताता है जबकि गृह मामलों के मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल कोको ने पिछले साल अगस्त में संयुक्त राष्ट्र के विशेष अधिकारी को बताया था कि कुल कैदियों की संख्या करीब 600 है और 12 अक्टूबर को होने वाली रिहाई के बाद यह संख्या 400 होगी. वहीं म्यांमार में कैदियों पर नजर रखने वाले ग्रुप असिस्टेंस असोसिएशन फॉर पोलिटिकल प्रिजनर्स ने शुक्रवार को हुई रिहाई के पहले कैदियों की संख्या 1536 बताई थी. लेकिन कूटनीतिज्ञों और स्वतंत्र विश्लेषकों का मानना है कि यह संख्या राजनीतिक कैदियों की अलग अलग परिभाषा पर निर्भर करती है कि क्या उन विद्रोहियों को भी राजनीतिक बंदियों में गिना जाता है जिन्होंने सरकार का सशस्त्र विरोध किया.
थाईलैंड में यूरोपीय डिप्लोमेटिक मिशन की सूची के मुताबिक प्रिजनर ऑफ कॉन्शिएंस यानी लड़ाई नहीं करने वाले राजनीतिक कैदियों की संख्या अक्टूबर के पहले 600 से 800 थी. सू ची की नेशनल डेमोक्रेटिक लीग 460 ऐसे कैदियों की मदद करती है. पार्टी के सदस्य और इन कैदियों की मदद करने वाले नैंग नैंग के मुताबिक कुछ दर्जन ऐसे भी कैदी हैं जिन्होंने उनकी मदद नहीं मांगी.
रिपोर्टः रॉयटर्स/एएफपी/आभा एम
संपादनः महेश झा