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यूक्रेन ने नाटो से और हथियारों की लगाई गुहार

७ अप्रैल २०२२

पूर्वी यूक्रेन में चल रही जंग के बीच यूक्रेन ने नाटो से और हथियारों की मांग की है. यूक्रेन के मुताबिक रूस बड़े हमले की तैयारी में है. उधर रूसी प्रधानमंत्री का कहना है कि उनका देश बीते 3 दशकों के सबसे मुश्किल दौर में है.

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कीव के पास बोर्दयांका की तस्वीर
कीव के पास बोर्दयांका की तस्वीरतस्वीर: Kostiantyn Honcharov/DW

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि उनके देश को विमानरोधी सुरक्षा तंत्र, तोप, गोला बारूद और बख्तरबंद गाड़ियों की जरूरत है ताकि रूसी आक्रमण से बचा जा सके. ग्रीस की संसद को संबोधित करते हुए गुरुवार को जेलेंस्की ने कहा, "जितनी जल्दी हमें मदद मिलेगी, यूक्रेन में हम उतनी ज्यादा जिंदगियों को बचा पाएंगे."

जेलेंस्की ने इस दौरान दक्षिणी शहर मारियोपोल की दुर्दशा का भी जिक्र किया जहां ग्रीक लोगों की एक बड़ी आबादी रहती है. उन्होंने ग्रीस से मदद की गुहार लगाई है ताकि ओडेसा को मारियोपोल जैसी हालत में पहुंचने से रोका जा सके. ओडेसा एक और बंदरगाह वाला शहर है जिससे ग्रीस के गहरे संबंध हैं.

बूचा की सड़क पर आम आदमी का शव
बूचा की सड़क पर आम आदमी का शवतस्वीर: Mykhaylo Palinchak/SOPA/ZUMA/picture alliance

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने सभी रूसी बैंकों पर प्रतिबंध और रूसी जहाजों को बंदरगाहों में घुसने पर रोक लगाने की अपील की है जिससे कि रूस को युद्ध के लिए पैसा जुटाने से रोका जा सके.

यूक्रेन की उपग्रह से ली जा रही तस्वीरों में मारियोपोल के तट पर एक यूक्रेनी नौसेना का जहाज जलता हुआ दिखाई दिया है. प्लेनेट लैब्स पीबीसी की ओर से जारी इन तस्वीरों में यूक्रेनी जहाज को डोनबास के बंदरगाह पर जलता हुआ देखा जा सकता है. उसके साथ ही वहां कि एक इमारत भी जलती नजर आ रही है. ये तस्वीरें बुधवार दोपहर 2:30 बजे की हैं. आग लगने के कारण का पता नहीं चल सका है.

इसी बीच रूसी फौज का अजोव सागर के तट पर बसे मारियोपोल पर घेरा कसता जा रहा है. रूस समर्थित अलगाववादियों ने पूर्वी यूक्रेन में यूक्रेन की सेना पर एक जहाज में आग लगाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि रूसी सेना को "उकसाने" और "बदनाम" करने के लिए यह आग लगाई गई. यूक्रेन की तरफ से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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बूचा पर बातचीत पकड़ी गई

जर्मन खुफिया एजेंसियों ने रूसी सैनिकों की रेडियोसेट पर हुई बातचीत को पकड़ा है इसमें एक सैनिक अपने साथियों से यूक्रेन के शहर बूचा में आम लोगों को मारने के बारे में चर्चा कर रहा है. जर्मन पत्रिका डेय श्पीगल ने इस बारे में खबर दी है.

बूचा के बाहरी इलाके में पड़ा साइकिल सवार का शव
बूचा के बाहरी इलाके में पड़ा साइकिल सवार का शवतस्वीर: Matthew Hatcher/SOPA/ZUMA/picture alliance

इस बातचीत के कुछ हिस्से से ऐसा लगता है कि यह उन लोगों के बारे में है जो बूचा की मुख्य सड़क पर मारे गए थे. जर्मन संसद को विदेशी खुफिया सेवा बीएनडी की ओर से बंद दरवाजों के पीछे दी गई ब्रीफिंग के हवाले से पत्रिका ने यह जानकारी दी है. इस बातचीत में एक सैनिक अपने साथियों को बता रहा है कि कैसे उसने एक साइकिल सवार को गोली मारी.

बूचा में मौजूद पत्रकारों ने एक साइकिल के पास तीन शव देखे थे. रूसी सैनिकों के पीछे हटने के बाद पेड़ों के कतार वाली सड़क पर 20 शव मिले. बूचा के कई और इलाकों से शवों का मिलना अब भी जारी है. अब तक 300 से ज्यादा लोगों के शव मिल चुके हैं. 

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शरणार्थी संकट

यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ने बताया है कि रूसी सेना गुरुवार को 10 मानवीय गलियारों को बहाल करने पर रजामंद हुई है ताकि पूर्वी यूक्रेन के तीन इलाकों से आम लोगों को बाहर निकाला जा सके.

उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेशचुक का कहना है कि दोनेत्स्क, लुहांस्क और जापोरिझिया के इलाके से आम लोग इन गलियारों की मदद से बाहर निकल सकेंगे. 

आशंका है कि रूस अगले कुछ दिनों और हफ्तों में यूक्रेन के पूर्व में औद्योगिक इलाकों पर नियंत्रण के लिए हमले तेज करेगा. इस बीच यूक्रेन ने नाटो से भी और हथियारों की मांग की है ताकि इसे रोका जा सके. वेरेशचुक ने बताया है कि मारियोपोल और एनर्होदार से जापोरिझिया तक निजी कारों से और बेर्दयांस्क, टोकमक और मेलितोपोल से कार और बसों के सहारे लोग निकल सकते हैं.

बूचा में मिले शव
बूचा में मिले शवतस्वीर: Rodrigo Abd/AP/dpa/picture alliance

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि अब तक 43 लाख यूक्रेन के लोग रूसी हमले के बाद देश छोड़ कर गए हैं. एजेंसी के मुताबिक यूक्रेन की अलग अलग सीमाओं पर दर्ज शरणार्थियों की संख्या 1,319,494 है. बुधवार से अब तक इसमें 40,705 लोग बढ़े हैं.

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हथियारों की मांग

नाटो के महासचिव येंस स्टोल्टेनबर्ग ने सदस्य देशों और संगठन से यूक्रेन को और हथियार देने की मांग की. उनका कहना है ना सिर्फ टैंक रोधी और विमान रोधी हथियारों से बात नहीं बनेगी. गुरुवार को नाटो के रक्षा मंत्रियों की ब्रसेल्स में बैठक हुई जिसमें स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, "मैंने सभी सहयोगियों से हल्के और भारी दोनों तरह के हथियार और सहयोग मुहैया कराने का आग्रह किया है."

ब्रसेल्स में यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा
ब्रसेल्स में यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबातस्वीर: Dursun Aydemir/AA/picture alliance

स्टोल्टेनबर्ग ने बताया कि नाटो नहीं बल्कि नाटो के देश अलग अलग तरह के हथियार और सहयोग यूक्रेन को दे रहे हैं लेकिन सभी सहयोगी देश और बहुत कुछ कर सकते हैं. स्टोल्टेनबर्ग का कहना है "यूक्रेन एक रक्षात्मक युद्ध लड़ रहा है ऐसे में रक्षात्मक और आक्रामक हथियारों के बीच अंतर करने का कोई मतलब नहीं है." इसके साथ ही स्टोल्टेनबर्ग ने यह भी कहा कि नाटो का रूस के साथ युद्ध बढ़ाने से खुद को अलग रखना भी बहुत जरूरी है. 

ब्रसेल्स की बैठक में यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा भी थे. बैठक में पहुंचने के साथ ही उन्होंने सदस्य देशों से हथियारों की मांग कर दी. कुलेबा ने कहा, "मेरा एजेंडा बिल्कुल सरल है... यह है हथियार, हथियार और हथियार. जितने ज्यादा हथियार हमें मिलेंगे और जितनी जल्दी वो हम तक पहुंचेंगे उतने ज्यादा लोगों की जान हम बचा पाएंगे." 

बूचा की तस्वीरों ने दुनिया भर में चिंता पैदा की है
बूचा की तस्वीरों ने दुनिया भर में चिंता पैदा की हैतस्वीर: Alexandra von Nahmen/DW

कुलेबा ने कहा कि डोनबास की लड़ाई दूसरे विश्वयुद्ध की याद दिलाएगी जब हजारों टैंक, विमान, बख्तरबंद गाड़ियां एकअभियान में लगाए गए. यूक्रेनी विदेश मंत्री ने सहयोगियों से मदद मांगते हुए कहा, "अपनी मदद अभी दीजिए, मैं दिनों का बात कर रहा हूं हफ्तों की नहीं, नहीं तो आपकी मदद देर से आएगी और बहुत से लोग मर जाएंगे."

बातचीत पर बूचा की छाया

तुर्की का कहना है कि यूक्रेन केबूचा से आ रही नरसंहार के तस्वीरों का साया रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत की कोशिशों पर घिर आया है. तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लु ने ब्रसेल्स में नाटो की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, "बूचा, इर्पिन और दूसरे इलाकों से आ रही तस्वीरें अस्वीकार्य हैं. इन दृश्यों ने समझौते की कोशिशों पर गहरा असर डाला है. जो सकारात्मक माहौल बन रहा था दुर्भाग्य से उस पर इनकी छाया पड़ गई है."

अमेरिकी संसद का ऊपरी सदन सीने गुरुवार को उन विधेयकों पर चर्चा करेगा है जिसमें रूस के साथ सामान्य कारोबारी संबंध खत्म करने और रूसी तेल का आयात प्रतिबंधित करने की बात है. ये दोनों बिल काफी समय से सीनेट में फंसे हुए हैं, जिसकी वजह से वो सांसद काफी निराश हैं जो रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिकी प्रतिक्रिया को तेज करना चाहते हैं. सीनेट में बहुमत वाली पार्टी के नेता चक शुमर का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युक्रेन में युद्ध अपराध का दोषी ठहराया जाना चाहिए.

रूसी हमले के विरोध में बर्लिन में संसद के सामने लोगों ने लेट कर प्रदर्शन किया
रूसी हमले के विरोध में बर्लिन में संसद के सामने लोगों ने लेट कर प्रदर्शन कियातस्वीर: Markus Schreiber/AP/picture alliance

कारोबार निलंबित करने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए रूस से आयात होने वाली चीजों पर भारी शुल्क लगाने का रास्ता खुल जाएगा. तेल के आयात पर राष्ट्रपति पहले ही रोक लगा चुके हैं, सीनेट उस पर इस बिल के जरिए अपनी मुहर लगाएगा.

तीन दशकों का सबसे मुश्किल दौर

रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन का कहना है कि उनका देश पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण बीते तीन दशकों में अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. प्रधानमंत्री का यह भी कहना है कि रूस को वैश्विक अर्थव्यवस्था से बाहर करने की विदेशी कोशिशें नाकाम होंगी.

रूसी संसद ड्यूमा में प्रधानमंत्री ने कहा, "बेशक मौजूदा समय को रुस के लिए बीते तीन दशकों में सबसे कठिन कहा जा सकता है. इस तरह के प्रतिबंध यहां तक कि शीत युद्ध के सबसे काले दौर में भी इस्तेमाल नहीं किए गए थे."

रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन
रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिनतस्वीर: Dmitry Astakhov/Sputnik/AFP/Getty Images

रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा है कि रूस पुतिन की बेटियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों का जवाब देगा. पेस्कोव ने पत्रकारों से कहा है कि इन प्रतिबंधों को "समझना और इनकी व्याख्या बेहद मुश्किल है लेकिन दुर्भाग्य से हमें ऐसे विरोधियों का सामना करना पड़ता है."  

एनआर/आरपी (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)