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यूरोपीय संघ ने ठुकराए बेलारूस के चुनाव नतीजे

१९ अगस्त २०२०

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि यूरोपीय संघ बेलारूस में हुए चुनाव के नतीजों को मान्यता नहीं देता. यह बात उन्होंने बेलारूस में जारी राजनीतिक संकट पर बुधवार को यूरोपीय संघ की आपात शिखर बैठक के बाद कही.

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Angela Merkel Pressekonferenz nach Videokonferenz mit dem Europäischen Rat zum Thema Belarus
चांसलर मैर्केल ने कहा, चुनावों को मान्यता नहीं जा सकती हैतस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Sohn

मैर्केल ने कहा कि बेलारूस में पिछले दिनों हुए राष्ट्रपति चुनाव "ना तो स्वतंत्र थे और ना ही निष्पक्ष". 9 अगस्त को हुए चुनावों में बीते 26 साल से बेलारूस में राज कर रहे राष्ट्रपति अलेक्जांडर लुकाशेंको को लगातार छठी बार चुना गया. लेकिन विपक्ष ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाया है. तभी से वहां सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी नए सिरे से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं.

बेलारूस के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई शिखर वार्ता के बाद चांसलर मैर्केल ने कहा, "हमारे लिए.. इस बात में कोई शक नहीं है कि चुनावों में बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन किया गया है." उन्होंने कहा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे, इसीलिए उन्हें मान्यता नहीं दी जा सकती. जर्मन चांसलर ने कहा, "हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़े हैं."

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फान डेय लाएन ने भी बेलारूस के चुनावों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि बेलारूस के लोगों को अपना भविष्य तय करने दिया जाए. वहीं बुधवार को हुई शिखर वार्ता की मेजबानी करने वाले यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने कहा कि बेलारूस में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर जो हिंसा हुई है, वह हैरान करने वाली है और अस्वीकार्य है. मिशेल ने कहा कि यरोपीय संघ जल्द बेलारूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाएगा.

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यूरोपीय संघ जल्द बेलारूस पर प्रतिबंध लगाएतस्वीर: Reuters/O. Hoslet

दूसरी तरफ, बेलारूस में राष्ट्रपति लुकाशेंको ने अपनी सराकर को आदेश दिया है कि अब और अशांति ना होने दी जाए. साथ ही उन्होंने देश की सीमाओं को सुरक्षित करने पर भी जोर दिया है. अपनी सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान लुकाशेंको ने कहा, "मिंस्क में अब और दंगे नहीं होने चाहिए. लोग थक चुके हैं, वे शांति और सुकून चाहते हैं."

चुनावों में लुकाशेंको को टक्कर देने वाली विपक्षी नेता स्वेतलाना तिखानोव्स्काया अभी लिथुआनिया में हैं. वह नए सिरे चुनाव कराने की मांग कर रही हैं. पश्चिमी सैन्य संगठन नाटो के सदस्य लिथुआनिया ने पश्चिमी जगत की सरकारों से अपील की है कि बेलारूस के चुनाव को स्वीकार नहीं किया जाए. उसका कहना है कि बेलारूस यूरोप से लगने वाली अपनी सीमाओं पर सैन्य अभ्यास कर रहा है.

राष्ट्रपति लुकाशेंको ने सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान कहा, "रक्षा मंत्रालय को पोलैंड और लिथुआनिया की तरफ से नाटो सैनिकों की गतिविधियों पर खास तौर से नजर रखनी होगी. हमें उनकी मूवमेंट की दिशा और उनकी योजनाओं पर नजर रखनी होगी." इसी बीच बेलारूस से मिलने वाली मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक और प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है. अब तक इन प्रदर्शनों में तीन लोग मारे गए हैं जबकि सैकड़ों लोग गिरफ्तार किए गए हैं.

एके/एमजे (एएफफी, रॉयटर्स)

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