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बढ़ रहा है स्वास्थ्य व्यवस्था पर साइबर हमलों का खतरा 

२६ मई २०२०

चेक गणराज्य ने महीने भर पहले कहा था कि उसकी स्वास्थ्य व्यवस्था पर साइबर हमला हुआ है. अब रेड क्रॉस ने कहा है कि महामारी के बीच में स्वास्थ्य संस्थानों पर साइबर हमलों का खतरा बढ़ रहा है.

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Afghanistan Rotes Kreuz
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Gul

रेड क्रॉस ने कहा है कि महामारी के बीच में स्वास्थ्य संस्थानों पर साइबर हमलों का खतरा बढ़ रहा है और अब इन हमलों को समाप्त हो जाना चाहिए. रेड क्रॉस ने ये अपील एक चिट्ठी के जरिए मंगलवार को जारी की, जिस पर कई जाने माने राजनेताओं और उद्योगपतियों ने हस्ताक्षर किए हैं. चिट्ठी में कहा गया है कि इस तरह के हमले लोगों के लिए खतरनाक हैं और इन्हें रोकने के लिए सरकारों को "तुरंत ही निर्णायक कदम" उठाने होंगे.

रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष पीटर मॉरर ने चिट्ठी में कहा, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि दुनिया भर की सरकारें इस तरह के हमलों को रोकने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जताने के लिए आगे आएंगी. माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ और अमेरिका की पूर्व विदेश-मंत्री मैडेलीन ऐलब्राइट उन 42 लोगों में से हैं जिन्होंने चिट्ठी पर हस्ताक्षर किए हैं. इस पहल की शुरुआत गैर-सरकारी संगठन साइबरपीस इंस्टीट्यूट ने की है, जिसका मिशन है इंटरनेट को एक हथियार बनने से रोकना.

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पिछले कई महीनों से साइबर अपराधियों ने कंप्यूटर वायरस का इस्तेमाल करके अस्पतालों को निशाना बनाया है. तस्वीर: picture alliance / Alexey Malgavko/Sputnik/dpa

ये मांग चेक गणराज्य के उस वक्तव्य के एक महीने बाद आई है जिसमें उसने कहा था कि उसकी स्वास्थ्य व्यवस्था पर डिजीटल हमला हुआ है. इस बयान के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने एक उग्र प्रतिक्रिया में हमले को एक "बेहद गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक" कदम बताया और कहा कि दोषियों को "इसके परिणाम की उम्मीद करनी चाहिए". लेकिन चेक गणराज्य और अमेरिकी सरकार ने अभी तक ये नहीं बताया है कि हमलों के लिए जिम्मेदार कौन है."

पिछले कई महीनों से साइबर अपराधियों ने कंप्यूटर वायरस का इस्तेमाल करके अस्पतालों को निशाना बनाया है. अक्सर इन हमलों के पीछे या तो उन अस्पतालों से उगाही करने की कोशिश रही है या फिरौती के उद्देश्य से उनके डाटा को चोरी करने की कोशिश. और ज्यादा सफल हैकिंग समूह, जैसे वो जो सरकारों के साथ जुड़े हुए हैं, ने मेडिकल रिसर्च केंद्रों को भी निशाना बनाया है ताकि कोविड-19 के इलाज के अलग अलग तरीकों से संबंधि बहुमूल्य डाटा को चुराया जा सके. 

सीके/एए (रायटर्स)

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