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फुकुशिमा में रेडियोएक्टिव पानी

३ सितम्बर २०१३

जापान की सरकार ने फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र में जमा रेडियोएक्टिव पानी के रिसाव को रोकने और पानी की सफाई के लिए 50 करोड़ डॉलर खर्च करने की घोषणा की है. 2020 में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए टोक्यो भी दावेदार है.

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तस्वीर: Reuters/Tokyo Electric Power Co

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा है कि सरकार "आगे बढ़ेगी और सभी जरूरी नीतियां लागू करेगी." ताकि प्लांट से रिस रहे रेडियोएक्टिव पानी को रोका जा सके. फुकुशिमा की दुर्घटना इस सदी की सबसे बुरी परमाणु दुर्घटना है. जापानी सरकार प्रमुख ने बताया है कि सरकार मंगलवार को ही उपायों का विस्तृत पैकेज पेश करेगी.

ढाई साल पहले जापान में आए भारी भूकंप और सूनामी के बाद फुकुशिमा का यह प्लांट बंद हो गया था. अब रेडियोएक्टिव पानी की समस्या नया आयाम ले रही है. अब सरकार सीधी भूमिका में आ रही है क्योंकि इस प्लांट की मालिक कंपनी टेप्को इस समस्या से नहीं निबट पा रही. मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिडे सुगा ने कहा, "सरकार अभी तक पृष्ठभूमि में रही और वह टोक्यो इलेक्ट्रिक कंपनी की कोशिशों को मदद दे रही थी. लेकिन अब हमने सोचा है कि कंपनी का पैचवर्क काम अपनी सीमा तक पहुंच गया है और अब सरकार को आगे आकर तेजी से कार्रवाई करना जरूरी है, चाहे इसमें बजट का रिजर्व ही इस्तेमाल करना पड़े."

Zum Thema - deutlich erhöhte Strahlenbelastung an Wassertank in Fukushima
फुकुशिमा में भारी रेडिएशनतस्वीर: Reuters/Issei Kato

टेप्को ने वीकएंड में कहा था कि जो पानी ईंधन की छड़ों को ठंडा करने के काम आता है, उस प्रदूषित पानी के कारण एक टैंक के बाहर काफी रेडियोएक्टिव विकिरण है. इस पानी के कारण रेडिएशन की रीडिंग 18 गुना बढ़ गई है. पिछले ही महीने कहा गया था कि फुकुशिमा से रेडियोएक्टिव पानी प्रशांत महासागर में जा रहा है.

Japans Industrieminister Toshimitsu Motegi in Fukushima
जापान के आर्थिक, व्यापार और उद्योग मंत्री तोशिमित्सू मोटेगी (दाएं)तस्वीर: Reuters

11 मार्च 2011 को आई सूनामी ने इस प्लांट को तहस नहस कर दिया. अब जापान के अधिकारियों को डर है कि फुकुशिमा की मुश्किलों के कारण 2020 में ओलंपिक खेलों के लिए उसकी दावेदारी को खतरा पैदा सकता है. शनिवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति इस बारे में ब्यूनोस आयर्स में फैसला लेने वाली है. अधिकारियों ने वादा किया है कि वह इस समस्या का हल ढूंढ रही टास्क फोर्स के लिए उपाय पेश करेंगे.

जापान के परमाणु नियामकों ने सोमवार को कहा कि शायद अधिकतम सीमा से कम रेडिएशन वाले पानी को समुद्र में छोड़ दिया जाएगा. टेप्को अभी टूटे रेडिएटर को ठंडा रखने के लिए उस पर पानी डालता रहा है. और प्रदूषित पानी को इकट्ठा करता रहा है. और प्रदूषित जमीनी पानी को भी ऊपर टैंकरों में जमा कर रहा है.

परमाणु नियामक अथॉरिटी एनआरए के चेयरमैन शुनिचि तानाका ने पत्रकारों को बताया कि फुकुशिमा में नए रिसाव के कोई सबूत नहीं हैं.

एएम/एमजे (रॉयटर्स, एपी)

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