रेमंड डेविस पर दोहरे हत्याकांड का अभियोग
१६ मार्च २०११लाहौर की अदालत का ये फैसला पाकिस्तान अमेरिका रिश्तों में और तनाव ला सकता है. लाहौर की कोट लखपत जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच हुई सुनवाई के दौरान मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "उस पर अभियोग लगा दिए गए हैं." इस पुलिस अधिकारी डेविड के खिलाफ कर रही जांच टीम में भी शामिल है. अगर डेविस को इन आरोपों में दोष साबित हो जाता है तो उन्हें फांसी की सजा हो सकती है.
36 साल के डेविस ने उत्तरी पंजाब के शहर लाहौर में 27 जनवरी को दो पाकिस्तान युवकों को गोली मार दी. डेविस के मुताबिक ये लोग उसे हथियारों के दम पर लूटने की कोशिश कर रहे थे. डेविस का ये भी कहना है कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई. अमेरिका का कहना है कि डेविस राजनयिक संरक्षण के दायरे में आते हैं इसलिए उनके खिलाफ पाकिस्तान अदालत में सुनवाई नहीं हो सकती.
इस मामले ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में तनाव ला दिया है. मारे गए युवकों की पहचान पर भी सवाल उठ रहे हैं. मीडिया में आई कुछ खबरों में उन युवकों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा बताया जा रहा है. इन खबरों में ये भी कहा जा रहा है कि मुमकिन है कि डेविस इन्हें पहचानते थे. कुछ दूसरी खबरें उन्हें लुटेरा बताती हैं और उनके मुताबिक डेविस को लूटने के लिए उन दोनों ने मोटरसाइकिल पर काफी देर तक उनका पीछा किया. इस घटना ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआई के रिश्तों में भी कड़वाहट भर दी है. इस बात के भी कयास लग रहे हैं कि अमेरिका पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की पेशकश कर सकता है. पाकिस्तान कानून की निगाह में इसे खूनी पैसा कहा जाता है. अगर पैसा दिया जाता है तो फिर इसे आत्मरक्षा का मामला माना जाएगा. इस स्थिति में पाकिस्तान सरकार अमेरिका और पीड़ित परिवारों के बीच सुलह कराने में मदद कर सकता है. इस तरह से पैसे देने की इजाजत इस्लामी कानून में दी गई है और पाकिस्तान के कुछ इलाकों में ये खूब होता है शर्त बस इतनी है कि पीड़ित परिवार इसके लिए रजामंद हो जाएं.
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने इस बारे में कहा है कि उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं कि इस तरह की कोई बातचीत चल रही है. डेविस को मिला राजनयिक संरक्षण मामले में बड़ी भूमिका निभाएगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः आभा एम