रो पड़े न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के पत्रकार
८ जुलाई २०११अखबार के ज्यादातर कर्मचारियों ने फोन हैकिंग कांड के लिए रुपर्ट मर्डोक के मीडिया संस्थान से जुड़ी एक वरिष्छ अधिकारी रिबेका ब्रुक्स को जिम्मेदार ठहराया है. एक झटके में नौकरी से हाथ धोने वाले पत्रकारों के मुताबिक ब्रुक्स के कार्यकाल में हुई फोन हैकिंग के चलते ही न्यूज ऑफ द वर्ल्ड को यह दिन देखना पड़ा है. ब्रुक्स न्यूज ऑफ द वर्ल्ड की संपादक रह चुकी हैं.
अखबार के फीचर एडिटर जुलेस स्टेनसन ने कहा, "रिबेका ब्रुक्स नीचे आईं. उन्होंने अखबार को बंद करने का एलान किया. उनके एलान के दौरान कई लोग सन्न थे और कुछ की आंखों में आंसू थे."
गुरुवार को अखबार के एक पत्रकार ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "वे एक पूरे अखबार को सिर्फ एक महिला की नौकरी बचाने के लिए बंद कर रहे हैं. उस महिला के खिलाफ सभी में खौलते गुस्से और नफरत की भावना है. लोग भौंचक्के हैं."
अन्य पत्रकारों ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें पूर्व अधिकारियों के कामों की सजा भुगतनी पड़ रही है. इनमें से कई कर्मचारी ऐसे हैं जो फोन हैकिंग के दौरान अखबार में काम ही नहीं करते थे. हैकिंग कांड के बाद अखबार से जुड़ने वाले इन पत्रकारों की भी नौकरी खत्म होने का संकट है. अखबार के सह संपादक ने कहा, "मैं पूरी तरह व्यथित हूं. इस शाम कई पत्रकारों की नौकरी चली गई, किस चीज के लिए ?"
मर्डोक समूह ने 168 साल पुराने साप्ताहिक अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड को बंद करने का एलान किया है. 10 जुलाई को अखबार की आखिरी प्रति छपेगी. न्यूज इंटरनेशनल कंपनी के तहत प्रकाशित होने वाला न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ब्रिटेन का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अखबार है. रविवार को निकलने वाले इस अखबार की हर हफ्ते 26 लाख प्रतियां बिकती हैं. हफ्ते के बाकी दिनों में न्यूज इंटरनेशनल का दूसरा अखबार द सन सबसे ज्यादा बिकता है.
यह सवाल अभी बना हुआ है कि क्या न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के 200 कर्मचारियों को न्यूज इंटरनेशनल के दूसरे अखबार द सन में रखा जाएगा. इस पर न्यूज इंटरनेशनल की प्रवक्ता कहती हैं, "हमने नौकरी के आवेदन भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है."
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार