लव जिहाद: "यह प्यार है या आतंकवाद"
२८ नवम्बर २०१७पिछले 28 महीनों से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) केरल में हुई कई अंतरधार्मिक शादियों की जांच कर रही है. जिन हिंदू महिलाओं ने मुस्लिम पुरूषों से शादी की उनसे एनआईए ने कई बेहद निजी सवाल किये. एजेंसी से जुड़े दो पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कई बार ये भी पूछा गया, "क्या शादी से पहले आप अपने पति के साथ सोयी थी? क्या शादी से पहले आपके पति ने आपको दरगाह जाने का सुझाव दिया था? इस्लाम कबूल न करने के चलते क्या आपको कभी ब्लैकमेल तो नहीं किया गया?"
एजेंसी कथित लव जिहाद मामलों की जांच कर रही है. 'लव जिहाद' जैसा शब्द राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अन्य कट्टर हिंदूवादी संगठनों ने पिछले सालों में काफी इस्तेमाल किया है. इन संगठनों का दावा है कि केरल में इस्लामिक संगठन तय रणनीति के तहत किसी लालच या विवाह के नाम पर लुभा कर हिंदू महिलाओं का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. पहले जांच स्थानीय पुलिस कर रही थी लेकिन उसे किसी भी ऐसी योजनबद्ध रणनीति के सबूत नहीं मिले. इसलिए ऐसे दावे कमजोर होने लगे.
लव जिहाद: हदिया को मिली आजादी के मायने
लेकिन फिर मामला एनआईए के पास पहुंचा. केरल देश का एक पढ़ा-लिखा राज्य है जिसके मध्य पूर्व के देशों के साथ मजबूत रिश्ते हैं. एनआईए ने राज्य में "लव जिहाद" के 89 मामलों की जांच की. जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नौ मामलों में इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसे आतंकी संगठनों से किसी न किसी जुड़ाव के संकेत मिले हैं. एजेंसी फिलहाल किसी सबूत का खुलासा नहीं करना चाहती क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है. लेकिन इन नौ में से भी दो मामले बेहद संवेदनशील हैं. सूत्र बताते हैं कि एक मामले में इराक के एक इस्लामिक स्कूल से एक महिला के बैंक खाते में पैसे आने की जांच की जा रही है. वहीं दूसरे मामले में एक महिला और उसके पति पर आईएस से जुड़े वीडियो को केरल के किसी गांव में दिखाने के आरोप की जांच चल रही है.
आलोचना
विपक्षी दलों का आरोप है कि ये जांच बताती है कि आरएसएस और अन्य संगठनों को हिंदूवादी एजेंडे के प्रचार के लिए केंद्र की सरकार सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल की इजाजत दे रही है. केरल में 13 फीसदी आबादी मुस्लिम है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य एमबी राजेश कहते हैं, "एनआईए और आरएसएस राज्य में हुई हिंदू-मुस्लिम शादी को जबरन करायी गयी शादी साबित करने पर आमदा हैं. एनआईए की जांच मोदी की पार्टी के लिए यहां जमीन तैयार करना चाहती है लेकिन हम उसे हरा देंगे."
वहीं आरएसएस से जुड़े नेता जे नंदकुमार कहते हैं कि एनआईए की जांच साबित करती है कि हिंदू संगठनों के धर्म परिवर्तन के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान सही हैं. उन्होंने कहा, "इस पूरे धर्म परिवर्तन अभियान के पहले चरण में हिंदू लड़के और लड़कियों को सम्मोहित किया जाता है और फिर उन्हें जेहाद के लिए तैयार किया जाता है." चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं इसलिए इस पूरे मसले पर न तो प्रधानमंत्री कार्यालय से और न ही एनआईए ने कोई टिप्पणी की है.
एनआईए की जांच
एनआईए ने यह पूरी जांच साल 2015 में शुरू की थी. सरकार ने केरल की पहचान एक ऐसे संवेदनशील राज्य के रूप में की, जहां आईएसआईएस आसानी से पहुंच सकता है. क्योंकि इस राज्य से हर साल दसियों हजार लोग मध्य पूर्व के देशों में जाते हैं. राज्य की आधी आबादी इस्लाम और इसाई धर्म को मानने वाली है. स्थानीय पुलिस और एनआईए के मुताबिक राज्य के तकरीबन 100 से भी अधिक लोग सीरिया, इराक और अफगानिस्तान जैसे देशों में आईएस जैसे आतंकी संगठनों के सदस्य बन गये हैं. एनआईए की जांच में जिन नौ मामलों को कथित "लव जिहाद" का मसला माना जा रहा है, उनका आधार हिंदू लड़कियों के मां-बाप की शिकायत को माना गया और पाया गया कि इन मामलों में संबंध आईएस से था. हालांकि अन्य 80 मामलों में किसी भी तरह के सबूत नहीं मिले तो उनकी जांच रोक दी गयी.
गृह मंत्रालय के डाटा के मुताबिक देश भर में अब तक तकरीबन 270 पुरूष और 20 महिलाओं को आईएस के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंध रखने के चलते गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, केरल देश का पहला ऐसा राज्य है जहां "लव जिहाद और आईएस में सीधे जुड़ाव नजर आया है." जिन दंपतियों से एनआईए ने पूछताछ की, वे भी कम हैरानी नहीं जताते. एक दंपति ने बताया कि पिछले साल पुलिस ने उनके घर की जांच की थी और एनआईए ने उनसे काफी सवाल किये. मुस्लिम पुरूष से शादी करने वाली हिंदू लड़की ने कहा, "मैं तो एकदम सदमें में आ गयी जब मुझसे कहा गया कि हो सकता है कि मेरा पति जिहादी हो और वह मुझे सीरिया भेजने की योजना बना रहा हो."
एए/एके (रॉयटर्स)