विजेंदर ने अपने हाथों से रचा इतिहास
१२ सितम्बर २००९वैसे विजेंदर सिंह से रजत पदक या फिर स्वर्ण पदक की उम्मीद लगाई जा रही थी लेकिन सेमीफ़ाइनल में वह उज़बेकिस्तान के अब्बोस अतोयेफ़ के हाथों 3-7 से हार गए. मिडल वेट सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में हार कर भी विजेंदर ने भारत के लिए इतिहास रच दिया और विश्व प्रतियोगिता में पदक लाने वाले वह पहले भारतीय मुक्केबाज़ बन गए हैं. यह प्रतियोगिता इटली के मिलान शहर में हो रही है.
पहले राउंड में विजेंदर 1-0 से आगे थे लेकिन पूर्व लाइट हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियन अतोयेफ़ ने शानदार वापसी करते हुए अगले राउंड में पांच प्वाइंट जीते. दूसरे राउंड की समाप्ति पर स्कोर हो गया 5-1. तीसरे और आख़िरी राउंड में दोनों मुक्केबाज़ 2-2 से बराबर रहे लेकिन तीसरे राउंड की टक्कर विजेंदर को मैच जीताने में कामयाब साबित नहीं हुई.
विजेंदर सिंह ने सेमीफ़ाइनल हारने के बाद कहा," मैं निश्चित रूप से निराश हैं लेकिन मुझे इस बात की ख़ुशी भी है कि वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत की ओर से पदक जीतने वाले मैं पहला खिलाड़ी बन गया हूं. मैंने लंबे समय से कायम दुर्भाग्य के सिलसिले को तोड़ दिया है." विजेंदर ने अतोयेफ़ को जून में एशियाई चैंपियनशिप में हराया था लेकिन इस बार वह उनसे उन्नीस साबित हुए. पिछले साल विजेंदर सिंह ने बीजिंग ओलपिंग खेलों में कांस्य पदक जीता था.
बॉक्सिंग रिंग से बाहर भी विजेंदर नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. स्पोर्टस मैनेजमेंट फ़र्म पर्सेप्ट के साथ करोडों डॉलर का क़रार करने वाले विजेंदर भारत के पहले बॉक्सर बन गए हैं. इस कॉन्ट्रेक्ट के तहत विजेंदर भारत में एडवेंचर स्पोर्टस को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा बनेंगे. मैनेजमेंट फ़र्म का कहना है कि अगर शाह रुख़ ख़ान टीवी शो और अन्य इवेंट कर सकते हैं तो विजेंदर भी कर सकते हैं. संभावना है कि विजेंदर के लिए एक टीवी शो भी शुरू किया जाएगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एम गोपालकृष्णन